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शिव कुमार, शिलचर, 15 नवंबर: नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (NIT) शिलचर में आज आयोजित 22वें दीक्षांत समारोह ने एक ऐतिहासिक और प्रेरणादायक पहलू प्रस्तुत किया। इस समारोह ने संस्थान के इतिहास में एक और स्वर्णिम अध्याय जोड़ा और इसे एक नई दिशा दी। इस भव्य अवसर के मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (IIST) के निदेशक, प्रोफेसर दीपांकर चक्रवर्ती ने छात्रों को संबोधित किया और उन्हें नवाचार, अनुसंधान, और समाज सेवा के लिए प्रेरित किया। उनका संबोधन अत्यधिक प्रेरणादायक था, जिसमें उन्होंने छात्रों से सामाजिक और राष्ट्रीय हित में कार्य करने का आह्वान किया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में गैल गैस लिमिटेड के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर, गौतम चक्रवर्ती और गेस्ट ऑफ ऑनर राजेश नांबियार ने भी अपने विचार साझा किए। गौतम चक्रवर्ती ने अपने संबोधन में कहा, आपकी शिक्षा का उद्देश्य सिर्फ तकनीकी विशेषज्ञता प्राप्त करना नहीं होना चाहिए, बल्कि समाज में वास्तविक बदलाव लाने के लिए समाधान विकसित करना भी अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान समय में टेक्नोलॉजी और नवाचार को अपनाने से ही हम सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंच सकते हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि संस्थान और छात्र का नाम सिर्फ तकनीकी कौशल का प्रतीक नहीं है, बल्कि समाज में वास्तविक प्रभाव डालने की क्षमता का संकेत है।
गौतम चक्रवर्ती ने छात्रों को जीवन की नई चुनौतियों का सामना करने और उन्हें अवसरों में बदलने के लिए प्रेरित किया। इस समारोह की सबसे बड़ी विशेषता यह रही कि सभी प्रोफेसर और फैकल्टी सदस्य भारतीय पारंपरिक परिधानों में सुसज्जित थे, जो भारतीय संस्कृति और विविधता का सम्मान करते हुए एकता और परंपरा का संदेश देते थे। भारतीय परिधानों में सजे शिक्षकों ने समारोह में गरिमा और संस्कार का माहौल बनाया। प्रोफेसर दीपांकर बनर्जी ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षा केवल डिग्री प्राप्त करने तक सीमित नहीं होनी चाहिए। इसका उद्देश्य समाज और राष्ट्र के समग्र विकास में योगदान देना है। उन्होंने छात्रों को नवाचार, अनुसंधान, और स्टार्टअप्स के महत्व को समझाया और आह्वान किया कि वे समाज में बदलाव लाने वाले प्रोजेक्ट्स और शोध कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाएं।समारोह में संस्थान के सैकड़ों छात्रों को स्नातक और परास्नातक की उपाधियाँ प्रदान की गईं। साथ ही उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को विशेष पुरस्कार और प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया। एनआईटी शिलचर के निदेशक, दिलीप कुमार वैद्य ने सभी छात्रों की कठिन मेहनत और समर्पण की सराहना करते हुए कहा, आपका समर्पण और मेहनत ही आपको आगे बढ़ाएगा। अब आपको अपने ज्ञान और कौशल का उपयोग समाज और देश के लिए करना है।
संस्थान के निदेशक दिलीप कुमार वैद्य ने अपने संबोधन में संस्थान की उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि एनआईटी शिलचर न केवल तकनीकी शिक्षा में अग्रणी है, बल्कि यह अपने छात्रों को वैश्विक मंच पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार कर रहा है।
उन्होंने कहा, हमारा उद्देश्य छात्रों को सशक्त बनाना है और उन्हें समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित करना है। 22वां दीक्षांत समारोह एनआईटी शिलचर के लिए एक ऐतिहासिक अवसर साबित हुआ, क्योंकि यह आयोजन न केवल तकनीकी शिक्षा का उत्सव था, बल्कि भारतीय परंपरा और संस्कृति का सम्मान भी था। इसने यह स्पष्ट रूप से संदेश दिया कि आधुनिक शिक्षा के साथ भारतीय परंपराओं और सांस्कृतिक धरोहर का तालमेल समाज को एक नई दिशा दे सकता है। इस समारोह के माध्यम से एनआईटी शिलचर ने यह सिद्ध किया कि वह न केवल तकनीकी शिक्षा में अग्रणी है, बल्कि भारतीय मूल्यों और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।