मणिपुर में 3 लोगों की मौत पर मंत्रियों-विधायकों के घरों में घुसी भीड़, कर्फ्यू फिर से लागू, इंटरनेट बंद
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मणिपुर के इंफाल में प्रदर्शनकारियों ने दो मंत्रियों और तीन विधायकों के घरों में घुसकर मचाया उत्पात
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इंफाल वेस्ट प्रशासन ने कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति के कारण अनिश्चितकाल के लिए निषेधाज्ञा लागू की
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प्रदर्शनकारियों ने सरकार से उचित कार्रवाई की मांग की और 24 घंटे के भीतर अपराधियों को गिरफ्तार करने की अपील की
इंफाल: मणिपुर में शनिवार को भयंकर हिंसा हुई जब प्रदर्शनकारियों ने इंफाल में मंत्रियों और विधायकों के घरों पर हमला कर आगजनी की। यह घटना जीरीबाम में बराक नदी से तीन महिलाओं और तीन बच्चों सहित छह शव मिलने के बाद हुई। राज्य सरकार ने इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम और बिष्णुपुर जिलों में शाम 4:30 बजे से अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया है। साथ ही नफरत फैलाने वाले भाषणों और वीडियो पर रोक लगाने के लिए इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम, बिष्णुपुर, थोउबल, काकचिंग, कांगपोकपी और चुराचांदपुर में इंटरनेट और मोबाइल डेटा सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है।
मृतकों में तीन महिलाए शामिल
मृतकों के बारे में आशंका जताई जा रही है कि ये 11 नवंबर को सुरक्षा बलों द्वारा 10 ह्मार लोगों के मारे जाने वाले स्थान के पास विस्थापित मैतेई लोगों के शिविर से गायब हुए छह लोग हैं। सुरक्षा बलों ने मारे गए लोगों को उग्रवादी बताया था जबकि कुकी-ज़ो समुदाय का कहना है कि वे ग्रामीण स्वयंसेवक थे। पीड़ितों में 25 वर्षीय महिला और उसके दो छोटे बच्चे, 31 वर्षीय महिला और उसकी बेटी और 60 वर्षीय महिला शामिल हैं।
शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा
आरोप है कि कुकी उग्रवादियों ने उनका अपहरण कर लिया था। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए असम के सिलचर भेज दिया गया है। प्रदर्शनकारियों ने मंत्रियों और विधायकों पर बढ़ती हिंसा को रोकने में विफल रहने का आरोप लगाया। उन्होंने कई क्षेत्रों में AFSPA को फिर से लागू किए जाने का भी विरोध किया। भाजपा विधायकों के घरों पर हमला किया गया, जिनमें मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के दामाद राजकुमार इमो सिंह, रघुमणि सिंह और सपम कुंजकेश्वर शामिल थे।
निर्दलीय विधायक के घर को भी निशाना बनाया
निर्दलीय विधायक सपम निशिकांत के घर को भी निशाना बनाया गया। प्रदर्शनकारियों ने इंफाल में स्वास्थ्य मंत्री सपम रंजन और उपभोक्ता मामलों के मंत्री एल सुसिन्द्रो सिंह के घरों में भी तोड़फोड़ की। बता दें कि मणिपुर 3 मई, 2023 से हिंसा की चपेट में है, जिसमें 240 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और 60,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं।
कर्फ्यू फिर से लागू, इंटरनेट बंद
मणिपुर के इंफाल में शनिवार को हिंसा की आग फिर भड़क गई। प्रदर्शनकारी जिरिबाम जिले में 3 लोगों की मौत के सिलसिले में न्याय की मांग करते हुए दो मंत्रियों और तीन विधायकों के घर में घुस गए। पुलिस ने यह जानकारी दी। विधायकों के घरों पर भीड़ के घुस जाने के बाद इंफाल पश्चिम (जिला) प्रशासन को जिले में अनिश्चित काल के लिए निषेधाज्ञा लगानी पड़ी। इंफाल पश्चिम के डीएम टी किरण कुमार की ओर से जारी किए गए आदेशानुसार शनिवार को दोपहर साढ़े चार बजे कर्फ्यू लगा दिया गया। यह कदम कानून और व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति के कारण उठाया गया है। इससे पहले तीन लोगों की हत्या के विरोध में हुए ताजा प्रदर्शनों के बाद इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई थीं।
आदेश में क्या कहा गया?
15 नवंबर को जारी एक आदेश के अनुसार, अधिकारियों ने 16 नवंबर को सुबह 5 बजे से रात 8 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी थी। हालांकि इंफाल में मेइती समुदाय के विधायकों के घरों पर कई हिंसक हमलों की सूचना के बाद यह छूट आदेश तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया। इंफाल पश्चिम के जिलाधिकारी की ओर से जारी एक आदेश में कहा गया है कि अब जिले में कानून और व्यवस्था की स्थिति के कारण कर्फ्यू छूट आदेश तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाता है। 16 नवंबर को शाम 4.30 बजे से अगले आदेश तक पूर्ण कर्फ्यू लगाया जाता है।
कर्फ्यू के दौरान किसे छूट?
आदेश में आगे कहा गया है कि स्वास्थ्य, बिजली, CAF और PD, PHED, पेट्रोल पंप, नगर पालिका, प्रेस और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया जैसी आवश्यक सेवाओं में शामिल सभी व्यक्ति, अदालतों के कामकाज और हवाई अड्डे तक उड़ान यात्रियों की आवाजाही, साथ ही वैध हवाई अड्डा प्रवेश परमिट (एईपी) कार्ड वाले ठेकेदार और कर्मचारी कर्फ्यू से मुक्त रहेंगे। पुलिस रिपोर्टों के अनुसार, मणिपुर के इंफाल में प्रदर्शनकारियों ने जिरीबाम जिले में तीन व्यक्तियों की हत्या के लिए न्याय की मांग करते हुए दो मंत्रियों और तीन विधायकों के घरों पर हमला किया। हमलों के कारण इंफाल पश्चिम प्रशासन ने जिले में अनिश्चितकालीन निषेधाज्ञा लागू कर दी।
स्वास्थ्य मंत्री के घर में घुसी भीड़
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यहां लामफेल सनाकेथेल इलाके में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री सपाम रंजन के आवास में भीड़ घुस गई। लामफेल सनाकीथेल विकास प्राधिकरण के प्रतिनिधि डेविड ने संवाददाताओं से कहा कि सपाम ने हमें आश्वासन दिया कि तीन लोगों की मौत से संबंधित मुद्दों पर मंत्रिमंडल की बैठक में चर्चा की जाएगी और अगर सरकार जनता की भावनाओं का सम्मान करने में विफल रहती है तो मंत्री अपना इस्तीफा दे देंगे।
बीरेन सिंह के दामाद के घर के सामने भी प्रदर्शन
एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शनकारी उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री एल सुसिंद्रो सिंह के घर में भी घुस गए। इंफाल पश्चिम जिले के सागोलबंद इलाके में प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी विधायक आर के इमो के घर के सामने जमा होकर नारेबाजी की। इमो मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के दामाद भी हैं। प्रदर्शनकारियों ने तीन लोगों की मौत पर सरकार से उचित कार्रवाई की मांग की और अधिकारियों से 24 घंटे के भीतर अपराधियों को गिरफ्तार करने की अपील की।
निर्दलीय विधायक के कार्यालय को निशानाएक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि टिडिम रोड पर प्रदर्शनकारी केशामथोंग के निर्दलीय विधायक सपाम निशिकांत सिंह से मिलने उनके निवास पहुंचे लेकिन जब उन्हें बताया गया कि विधायक राज्य में नहीं हैं। तब उन्होंने उनके स्वामित्व वाले एक स्थानीय समाचार पत्र के कार्यालय भवन को निशाना बनाया। उन्होंने बताया कि शुक्रवार रात मणिपुर-असम सीमा पर तीन शव बरामद किए गए। संदेह है कि ये तीनों शव उन छह लोगों में तीन के शव हैं जो जिरिबाम जिले से लापता हो गए। जिरिबाम जिले के बोरोबेकरा से करीब 16 किलोमीटर दूर एक महिला एवं दो बच्चों के शव मिले थे। बोरोबेकरा के समीप एक स्थान से छह लोग सोमवार को लापता हो गए थे।