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सकारात्मक परिवर्तन हेतु संस्कारयुक्त शिक्षा आवश्यक : अवनीश भटनागर
विद्या भारती पूर्वोत्तर क्षेत्र द्वारा आयोजित प्रधानाचार्य सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में अखिल भारतीय महामंत्री अवनीश भटनागर मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे, उन्होंने 21वीं सदी के प्रधानाचार्य विषय पर उद्बोधन प्रदान किया साथ ही अन्य सत्रों में पंचकोषात्मक विकास एवं पंचपदी शिक्षण पद्धति पर मार्गदर्शन प्रदान किया। अखिल भारतीय मंत्री ब्रह्माजी राव ने पूर्वोत्तर भारत में जनजाति शिक्षा की स्थिति के बारे में वक्तव्य प्रदान करते हुए जनजाति गौरव दिवस के उपलक्ष्य में उद्बोधन प्रदान किया। सीमावर्ती क्षेत्र के संबंध में क्षेत्रीय संगठन मंत्री डॉ पवन तिवारी जी ने प्रकाश डाला। विभिन्न प्रांत के कार्यकर्ताओं ने विकास यात्रा एवं समाज परिवर्तन, सेवा कार्य, नवाचारों के संबंध में प्रस्तुति प्रदान की। क्षेत्रीय प्रधानाचार्य सम्मेलन में त्रिपुरा केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति एवं क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रो.गंगा प्रसाद परसाईं एवं क्षेत्रीय मंत्री डॉ जगदीन्द्र रायचौधुरी जी की उपस्थिति रही। सम्मेलन के समापन समारोह में रूक्मा गोहाईंबरुआ मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, उन्होंने शिक्षा व्यवस्था, राष्ट्रीय शिक्षा नीति, आचार्यों की समाज परिवर्तन में भूमिका, प्रधानाचार्यों के कर्तव्य के बारे में विस्तारपूर्वक अपने उद्बोधन में बताया। विभिन्न सत्रों में समूह सः प्रधानाचार्यों नें विद्यालय गुणवत्ता विकास एवं अन्य विषयों पर चर्चा की। प्रसिद्ध कलाकार कवि एवं चिंतक बाबा सत्यनारायण मौर्य ने रंगमंचीय कार्यक्रम में राष्ट्र अर्चना की। हास्य एवं संगीत के माध्यम से उन्होंने प्रधानाचार्यों को उनके कर्तव्यों के प्रति सचेत किया।