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Manipur: विधायक आवास पर हमले के दौरान नकदी, 1.5 करोड़ के आभूषण लूटे गए, पुलिस का दावा

धधक रहा मणिपुर, बुझाएं कौन?
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इंफाल. मणिपुर में पिछले एक साल से जारी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. इस हिंसा के बीच राज्य में जनता दल-यूनाइटेड (जेडीयू) के विधायक खुमुकचम जॉयकिसन सिंह की मां ने लूटपाट की शिकायत दर्ज कराई है.

उन्होंने बताया कि 16 नवंबर को भीड़ ने विधायक के आवास पर तोडफ़ोड़ की थी, इस दौरान उन्होंने (भीड़ ने) 18 लाख रुपये नकद और 1.5 करोड़ रुपये के गहने लूट लिए. एक अधिकारी ने कहा कि हमले के दौरान आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों के लिए पश्चिम इंफाल के थांगमीबंद क्षेत्र में विधायक के आवास पर रखी गई कई वस्तुएं भी नष्ट हो गईं.

भीड़ ने लूटे नकद और गहने

पुलिस अधिकारी ने कहा, थांगमीबंद निर्वाचन क्षेत्र के विधायक खुमुकचम जॉयकिसन सिंह की मां ने इंफाल पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई कि 18 लाख रुपये नकद और 1.5 करोड़ रुपये के गहने समेत कई कीमती चीजें लूट ली गई. भीड़ ने इसे नष्ट कर दिया. एफआईआर दर्ज कर ली गई है. उन्होंने आगे कहा कि भीड़ ने विधायक के आवास पर करीब दो घंटे तक तोडफ़ोड़ की. हालांकि, इस दौरान विधायक अपने आवास पर मौजूद नहीं थे. दरअसल, वे अपने परिवार के एक सदस्य के इलाज के लिए दिल्ली में थे.

विधायकों के आवास पर तोडफ़ोड़ न करने की अपील

जॉयकिसन के आवास से कुछ मीटर की दूरी पर टोम्बिसाना हायर सेकेंडरी स्कूल में स्थापित एक राहत शिविर में रह रहे व्यक्ति ने कहा, हम जैसे विस्थापित लोगों के लिए आलू-प्याज और अन्य सब्जियां और सर्दियों के कपड़े जैसी अन्य चीजें रखी गईं थी. सभी सामानों को लूट लिया गया. राहत शिविर के वोलंटियर सनायी ने कहा, हम बीड़ से अपील करते हैं कि वे विधायक के आवास में तोडफ़ोड़ न करें क्योंकि विस्थापित लोगों के लिए कई वस्तुएं वहां रखी गई थीं. उन्होंने बताया क लॉकर, इलेक्ट्रॉनिक सामान और फर्नीचर तोड़ दिए गए. उन्होंने दावा किया कि भीड़ ने तीन एयर कंडीशन भी जाने की कोशिश की, लेकिन इसमें वे नाकाम रहे. सनायी ने बताया कि सात गैस सिलेंडर भी भीड़ उठा ले गई. भीड़ ने आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों को भी धक्का दिया. इस दौरान एक वोलंटियर घायल हो गया.

बता दें कि पिछले सप्ताह तीन महिलाओं और तीन बच्चों के लापता होने के बाद राज्य में एक बार फिर हिंसा भड़क गई. हिंसा भड़कने के बाद भीड़ ने विधायकों के घरों को निशाना बनाया और उसमें तोडफ़ोड़ करने लगे. हालांकि, कुछ दिनों बाद लापता हुए लोगों के शव पाए गए. पिछले साल मई से इंफाल घाटी के मैतेई और आसपास की पहाडिय़ों पर स्थित कुकी-जो समूहों के बीच जातीय हिंसा में 200 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं.

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