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रांची. हेमंत और कल्पना सोरेन के दमदार नेतृत्व से झारखंड में ‘इंडिया’ गठबंधन ने लगातार दूसरी बार शानदार जीत हासिल की है. चुनाव आयोग की वेबसाइट के ताजा नतीजों के मुताबिक, जेएमएम 19 सीटें जीत चुकी है और 15 पर बढ़त बनाए हुए है. जेएमएम की झोली में कुल 34 सीटें जाने की संभावना है. वहीं, बीजेपी 8 सीटें जीत चुकी है और 13 पर लीड लिए हुए है. बीजेपी के खाते में 21 सीटों जाने की संभावना है. बीजेपी को सबसे बड़ा झटका सहयोगी पार्टी आजसू से मिला. आजसू को गठबंधन के तहत 10 सीटें मिली थी और पार्टी सिर्फ 1 सीट पर बढ़त बनाए हुए है. 9 सीटें आजसू हार चुकी है. यही सबसे बड़ा हार का कारण बना. बीजेपी ने अकेले तो शानदार प्रदर्शन किया लेकिन सहयोगी पार्टियों का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा.
जेएमएम की सिर्फ एक योजना ने पासा पलट दिया और बीजेपी उसका काट नहीं निकाल पाई. इस योजना का नाम है मंईयां योजना. हेमंत सोरेन ने 23 सितंबर, 2023 को अपने कार्यकाल के दौरान इस योजना की शुरुआत की थी. इस योजना में 21 से 50 साल की महिलाओं को हर महीने 1,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है. यानी सालभर में 12,000 रुपये महिलाओं को दिए जाते हैं. हर महीने 15 तारीख को लाभार्थियों के बैंक खाते में सरकार की ओर से पैसे भेजे जाते हैं.
चुनाव से ठीक पहले चला नया दांव
हेमंत सोरेन मंईयां योजना को लेकर बहुत ही आशवस्त थे. उन्होंने विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले 14 अक्टूबर को एक और बड़ा दांव चला था. हेमंत सोरेन ने कैबिनेट बैठक में मंईयां योजना की राशि बढ़ाकर 2500 रुपये करने का प्रस्ताव पास किया था. यह दांव गेमचेंजर साबित हुआ. बीजेपी ने इसके जवाब में गोगो दीदी योजना के तहत 2100 रुपये देने का वादा किया था. यह भी वादा किया था कि हर माह की 11 तारीख को पैसे देने का वादा किया था लेकिन मतदाताओं का ‘आशीर्वाद’ नहीं मिला.
एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि झारखंड हाईकोर्ट ने कुछ दिनों पहले ही मंईयां सम्मान योजना को बंद करने के लेकर याचिका दायर की गई थी. हालांकि में कोर्ट ने उन याचिकाओं को खारिज कर दिया था.
झारखंड चुनाव परिणाम के दौरान एक और हैरान करने वाला तथ्य सामने आया है. चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, राज्य की 81 विधानसभा सीटों में 68 सीटों पर महिलाओं ने पुरुषों से अधिक मतदान किया है. माना जाता है कि महिलाओं का झुकाव जेएमएम की ओर बढ़ा.
जेएमएम की सिर्फ एक योजना ने पासा पलट दिया और बीजेपी उसका काट नहीं निकाल पाई. इस योजना का नाम है मंईयां योजना. हेमंत सोरेन ने 23 सितंबर, 2023 को अपने कार्यकाल के दौरान इस योजना की शुरुआत की थी. इस योजना में 21 से 50 साल की महिलाओं को हर महीने 1,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है. यानी सालभर में 12,000 रुपये महिलाओं को दिए जाते हैं. हर महीने 15 तारीख को लाभार्थियों के बैंक खाते में सरकार की ओर से पैसे भेजे जाते हैं.
चुनाव से ठीक पहले चला नया दांव
हेमंत सोरेन मंईयां योजना को लेकर बहुत ही आशवस्त थे. उन्होंने विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले 14 अक्टूबर को एक और बड़ा दांव चला था. हेमंत सोरेन ने कैबिनेट बैठक में मंईयां योजना की राशि बढ़ाकर 2500 रुपये करने का प्रस्ताव पास किया था. यह दांव गेमचेंजर साबित हुआ. बीजेपी ने इसके जवाब में गोगो दीदी योजना के तहत 2100 रुपये देने का वादा किया था. यह भी वादा किया था कि हर माह की 11 तारीख को पैसे देने का वादा किया था लेकिन मतदाताओं का ‘आशीर्वाद’ नहीं मिला.
एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि झारखंड हाईकोर्ट ने कुछ दिनों पहले ही मंईयां सम्मान योजना को बंद करने के लेकर याचिका दायर की गई थी. हालांकि में कोर्ट ने उन याचिकाओं को खारिज कर दिया था.
झारखंड चुनाव परिणाम के दौरान एक और हैरान करने वाला तथ्य सामने आया है. चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, राज्य की 81 विधानसभा सीटों में 68 सीटों पर महिलाओं ने पुरुषों से अधिक मतदान किया है. माना जाता है कि महिलाओं का झुकाव जेएमएम की ओर बढ़ा.