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‘हिंदुओं के रहने के स्थान पर नहीं खाना चाहिए गोमांस’, सीएम हिमंत ने दिया बड़ा बयान

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गुवाहाटी, May 25, 2021: असम में एक बार फिर से ‘गोवध रोधी विधेयक’ को लेकर चर्चा गरम है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने प्रस्तावित गो-संरक्षण बिल का बचाव करते हुए कहा कि हमें उन स्थानों पर गो-मांस नहीं खाना चाहिए जहां हिंदू रहते हैं। असम विधानसभा में राज्यपाल के भाषण के बाद धन्यवाद प्रस्ताव में चर्चा के लिए एआइयूडीएफ ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इस विधेयक के कारण माब लिंचिंग जैसी घटनाओं को बढ़ावा मिलेगा जैसे उत्तर भारत में गाय की घंटी के कारण ऐसे मामले हुए हैं।  जबकि इस विधेयक का बचाव करते हुए मुख्यमंत्री और भाजपा नेता सरमा ने कहा कि गाय हमारी माता है। हम चाहते हैं कि पश्चिम बंगाल से मवेशी न आएं। हम चाहते हैं कि गो-मांस वहां न खाया जाए जहां हिंदू रहते हैं। चूंकि हिंदू गायों की पूजा करते हैं, इसलिए उनकी शंकाओं का निवारण होना चाहिए। ध्यान रहे कि भाजपा शासित उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में गो-हत्या पर प्रतिबंध है।

असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने लखनऊ से दारुल उलूम के इस बयान को कई बार देखा है जिसमें कहा गया है कि जहां हिंदू रहते हैं वहां गो-मांस नहीं खाना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोगों की संवेदनशीलता को देखते हुए
गुवाहाटी के फैंसी बाजार या शांतिपुर या गांधीबस्ती में होटल मदीना होने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि संविधान के मुताबिक भी गाय की हत्या नहीं की जानी चाहिए। इससे पहले, राज्यपाल जगदीश मुखी ने शनिवार को बताया कि राज्य सरकार अगले विधानसभा सत्र में ‘गो संरक्षण विधेयक’ पेश कर सकती है। मुखी ने कहा कि
गाय का परिवहन राज्य के बाहर किए जाने पर रोक लगाने के लिए राज्य सरकार की अगले विधानसभा सत्र में गौ संरक्षण विधेयक पेश करने की योजना है। मुखी ने 15वीं असम विधानसभा के पहले सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि लोग गाय को पवित्र मानते हैं और उसकी पूजा करते हैं।

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