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शिवकुमार 2 दिसंबर – सिलकुड़ी नाच घर में आज एक ऐतिहासिक सभा का आयोजन किया गया, जिसमें क्षेत्र के विभिन्न जातियों, वर्गों और राजनीतिक दलों के सैकड़ों लोग उपस्थित थे। सभा का उद्देश्य सिलकुड़ी और उसके आसपास के क्षेत्रों में एक नया डेवलपमेंट ब्लॉक बनाने की मांग को लेकर एकजुटता प्रदर्शित करना और सरकार तक अपनी आवाज़ पहुंचाना था। हाल ही में हुए प्रशासनिक परिसीमन (डिलिमिटेशन) के बाद सिलकुड़ी और आसपास के आठ ग्राम पंचायतों (जीपी) – बोराखाई, सिलकुड़ी धरमकाल, चतला, तोर ताजबाड़ी, बरमबाबा, और अन्य – को बोर्जालंगा ब्लॉक से हटाकर तपांग ब्लॉक में स्थानांतरित कर दिया गया है। तपांग ब्लॉक सिलकुड़ी से लगभग 50 किलोमीटर दूर स्थित है। यह दूरी स्थानीय निवासियों, विशेषकर महिलाओं और गरीब वर्ग के लिए गंभीर समस्याएं उत्पन्न कर रही है।सभा में बराक वैली टी यूथ के अध्यक्ष लालन प्रसाद ग्वाला और सचिव विश्वजीत कोइरी ने विशेष रूप से भाग लिया। उन्होंने क्षेत्र के विकास और लोगों की परेशानियों को प्रमुखता से उठाया।इसके अलावा शिव सागर गोड़, सूरज नाथ ग्वाला, पृथ्वीराज ग्वाला, और मनोज कुमार जायसवाल जैसे प्रमुख सदस्यों ने अपने विचार साझा किए। सभा में इन सभी ने एक सुर में कहा कि नया ब्लॉक इस क्षेत्र की जरूरत है और यह सरकार से उनकी प्राथमिक मांग है।सभा में सिलकुड़ी-चतला डेवलपमेंट ब्लॉक डिमांड कमिटी का गठन किया गया, जिसका नेतृत्व मनोज कुमार जायसवाल कर रहे हैं। समिति के सदस्यों ने स्पष्ट किया कि यह कमिटी क्षेत्र की सभी जातियों, वर्गों, और राजनीतिक दलों को साथ लेकर बनाई गई है।मनोज कुमार जायसवाल ने कहा, हमारी मांग केवल विकास के लिए है। इस क्षेत्र के 60,000 से अधिक मतदाताओं की सुविधा के लिए सरकार को यह ब्लॉक स्थापित करना चाहिए। ब्लॉक की स्थापना से लोगों को सरकारी योजनाओं और सेवाओं का लाभ उठाने में आसानी होगी।सभा में महिलाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और अपनी समस्याएं रखीं। उन्होंने बताया कि तपांग ब्लॉक तक पहुंचने के लिए प्रति यात्रा 500-1000 रुपये का खर्च आता है, जो उनके लिए अत्यधिक है।
एक महिला प्रतिनिधि ने कहा, हमारे एसएचजी (स्वयं सहायता समूह) की हर मीटिंग और कागजी कार्रवाई के लिए तपांग ब्लॉक जाना पड़ता है। यह दूरी तय करना हमारे लिए संभव नहीं है। सरकार को हमारी समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए।शिव सागर गोड़ ने कहा,ब्लॉक की दूरी के कारण न केवल लोगों को समस्याएं हो रही हैं, बल्कि सरकार की कई योजनाओं का सही तरीके से क्रियान्वयन भी नहीं हो पा रहा है।सूरज नाथ ग्वाला और पृथ्वीराज ग्वाला ने अपने संबोधन में कहा कि यह मांग क्षेत्र के विकास और जनता की बुनियादी जरूरतों से जुड़ी हुई है। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस विषय पर शीघ्र कार्रवाई करने की अपील की।सभा में सर्वसम्मति से मुख्यमंत्री और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से यह अपील की गई कि वे इस मांग पर तुरंत कार्रवाई करें।समिति ने सुझाव दिया कि नया ब्लॉक सिलकुड़ी बाईपास या असम यूनिवर्सिटी के पास किसी स्थान पर स्थापित किया जाए ताकि सभी आठ ग्राम पंचायतों को इससे फायदा हो।कमिटी ने सभा में घोषणा की कि जल्द ही एक विस्तृत ज्ञापन मुख्यमंत्री और संबंधित विभागों को सौंपा जाएगा। इस ज्ञापन में तपांग ब्लॉक की दूरी के कारण उत्पन्न समस्याओं और नए ब्लॉक की आवश्यकता को विस्तार से समझाया जाएगा।सभा में क्षेत्र के विभिन्न वर्गों के लोगों की एकजुटता और भागीदारी ने यह सिद्ध कर दिया कि यह मांग जनहित से जुड़ी हुई है। उपस्थित लोगों ने सभा के अंत में सरकार से इस मांग पर शीघ्र निर्णय लेने की अपील की। इस क्षेत्र की 60,000 की आबादी, जिसमें महिलाएं, किसान, श्रमिक और व्यापारी शामिल हैं, सरकार से यह उम्मीद कर रही है कि उनकी समस्याओं को गंभीरता से लिया जाएगा। इस ब्लॉक की स्थापना से न केवल प्रशासनिक प्रक्रियाओं में आसानी होगी, बल्कि यह क्षेत्र विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगा।
सभा का संदेश स्पष्ट था: “हमारा अधिकार, हमारा ब्लॉक।”