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सामूहिकता_और_एकता_की_भावना_का _प्रसार
हाफलोंग, 15 दिसंबर: सरस्वती विद्या मंदिर परिचालना समिति द्वारा आयोजित 3 दिवसीय घोष वर्ग का समापन समारोह आज भव्य और प्रेरणादायक वातावरण में सम्पन्न हुआ। मुख्य अतिथि महेश भागवत, दक्षिण असम प्रांत संगठन मंत्री, ने कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से की। इस अवसर पर विद्या भारती जिला समन्वयक राहुल पारीक, प्रांत खेल प्रमुख विवेक तिवारी, घोष प्रमुख शंकर विश्वास, तेग बहादुर छेत्री, प्रधानाचार्य नोलश नुनिसा, विद्यालय समिति के अध्यक्ष,उपाध्यक्ष सहित विद्यालय के आचार्य, छात्र-छात्राएं और अभिभावक भी उपस्थित रहे।
समापन समारोह की शुरुआत छात्र-छात्राओं द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम और गीतों से हुई। इस दौरान विद्यार्थियों ने घोष, व्यायाम, योग और आसनों का प्रदर्शन किया, जो समारोह के केंद्रीय आकर्षण का हिस्सा रहा। श्री महेश भगवत ने अपने संबोधन में कहा, “यहां के छात्र-छात्राओं ने जो समर्पण और मेहनत दिखाई है, वह निश्चित रूप से प्रेरणादायक है।”
उन्होंने आगे कहा, “दीमा हंसाओ जिले के 5 विद्यालयों में घोष का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें से 4 विद्यालयों को श्री कृष्ण चंद्र गांधी फाउंडेशन द्वारा घोष दान स्वरूप प्राप्त हुआ है। मैं इस फाउंडेशन का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने इन विद्यालयों को सहयोग दिया।” भगवत जी ने विद्या भारती के शारीरिक शिक्षा को एक महत्वपूर्ण विषय बताते हुए कहा कि घोष के माध्यम से सामूहिकता का पाठ पढ़ाया जाता है।
समारोह में प्रदर्शित व्यायाम और योग के प्रति छात्रों की उत्सुकता को देखकर उन्होंने कहा, “इससे यह साबित होता है कि हम सभी एकजुट होकर आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं। हमें सामूहिक एकता की दिशा में थोड़ा और अभ्यास की आवश्यकता है।” उन्होंने यह भी कहा कि आगामी 29, 30 और 31 जनवरी 2025 को गुवाहाटी में होने वाले समुत्कर्ष महाशिविर में 5000 से अधिक छात्र-छात्राएं भाग लेंगे। जिसका हम सब भी हिस्सा बने ऐसी में आशा करता हूं।
श्री भगवत ने दिमा हंसाओ जिले के सरस्वती विद्या मंदिर हफलॉन्ग के घोष समूह को दक्षिण असम प्रांत का प्रथम स्थान का घोष दल बताया जिसके लिए उन्होंने इस दल के सभी छात्र छात्राओं की सराहना की । उन्होंने सभी विद्यार्थियों को समुत्कर्ष महाशिविर में भाग लेने की प्रेरणा दी, जिससे उनकी तैयारी और भी मजबूत होगी।
इस प्रकार, इस समापन समारोह ने न केवल विद्यार्थियों के लिए एक मंच प्रदान किया, बल्कि सामूहिकता और एकता की भावना को भी बढ़ावा दिया। विद्या मंदिर के छात्रों ने यह साबित किया कि वे आगे बढ़ने के लिए तत्पर हैं और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए तैयार हैं।
समापन समारोह के इस धरोहर ने सभी उपस्थित लोगों के दिलों में एक नई ऊर्जा और प्रेरणा का संचार किया, जो निश्चित रूप से शिक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में एक नई दिशा देगा।
इस घोष वर्ग में जिले के 3 विद्यालयों से 61 विद्यार्थियों एवं 6 आचार्यों ने भाग लिया।
कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के प्रधानाचार्या नोलेश नुनीसा ने आए हुए सभी अतिथियों,आचार्यों, विद्यालय समिति, अभिभावक एवं सभी छात्र-छात्राओं का धन्यवाद ज्ञापन किया।
अंत में सर्वे भवन्तु सुखिन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।