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गुवाहाटी, 16 दिसंबर। माछखोवा स्थित प्रागज्योतिष आईटीए सेंटर में रविवार को हरि ओम स्माइल्स के तत्वावधान में मारवाड़ी युवा मंच के सहयोग से ‘अहम् ब्रह्मास्मि’ नामक आध्यात्मिक कार्यक्रम का आयोजन शानदार आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि केसी दास कॉमर्स के प्राचार्य डॉ. ॠषिकेष बरुवा, उप मेयर स्मिता राय, पूप्रमास के प्रांतीय अध्यक्ष कैलाश काबरा, पूप्रमायुमं के प्रांतीय अध्यक्ष पंकज जालान सहित मायूमं की आतिथ्य शाखाओं के पदाधिकारियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित विश्व प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु मोनिका सिंहल का असमिया परंपरा अनुसार फुलाम गमछा, जापी आदि से अभिनंदन किया गया। दर्शकों से खचाखच भरे सभागार में गुरु मां ने कहा कि हरि ॐ स्माइल्स का मुख्य उद्देश्य है ‘न कोई तन से, न कोई मन से अपंग हो’। उन्होंने कहा कि संस्था ज्ञान और विज्ञान को साथ लेकर कार्य करती है और मनुष्य के जीवन से नकारात्मक चीजों को निकाल कर उनमें सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने हेतु प्रेरित करती है।
उन्होंने उपस्थित लोगों को प्रेरित करते हुए कहा कि ईश्वर ने हमें जो भी चीज दी है हमें उसके प्रति अपनी कृतज्ञता ज्ञापित करनी चाहिए। उपस्थित लोगों को स्वधर्म यानि स्वयं के अंदर का धर्म को जागृत करने हेतु प्रेरित करते हुए कहा कि बिना दवाइयों के अर्थात स्व-उपचार तंत्र (SELF HEALING MECHANISM) से हम खुद का उपचार कर सकते हैं और वर्षों पुरानी बीमारियों से मुक्ति पा सकते हैं। आध्यात्मिक गुरु मोनिका सिंगला ने कहा कि यह ज्ञान अनुभव का ज्ञान है जो वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित है, कोई अंधविश्वास नहीं। SMILES ( SEE MAGIC IN LIFE EVERY SECOND) जादू ही तो है, जो जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण लोगों के जीवन में आए सुखद बदलाव से मिलता है। सिर्फ हंसने से कितने वर्षों से जो रोग थे वो दूर हुए। सिर्फ मुस्कुराने से कितनों के रिश्ते जो पीड़ा का कारण बने थे फिर से प्रेममय हुए। हंसने से कितने लोगों को तनाव से मुक्ति मिली।
इसीलिए तो हरि ओम स्माइल्स का लक्ष्य ही है ना कोई तन से, ना कोई मन से अपंग रहे। इस लक्ष्य के प्रति हमारी संस्था दिन रात तत्पर हैं और सभी के अथक परिश्रम का परिणाम हर तरफ नजर आ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन ध्यान साधना द्वारा कितनों का जीवन बदला और सवरता जा रहा है। मोनिका सिंहल ने कहा कि जब रोग का कारण भीतर है तो उसका निवारण भी भीतर से ही होगा। दृष्टि बदलो सृष्टि बदल जाएगी। शक्ति स्वयम् के ही भीतर है, यह शक्ति कैसे जागृत होगी यही हमारी संस्था हरि ओम् स्माइल्स सिखाती है। छोटे-छोटे बदलाव जीवन को बड़ी बड़ी खुशियों से भर देते हैं। हरि ओम् स्माइल्स, मन और तन को उपचार करता है। शुकराना और सब्र का भाव, करुणा और प्रेम का भाव, क्षमा भाव कैसे मन को निर्मल करते हैं यह सिखाता है।
सच्चा ज्ञान वही जो अनुभव में आए जो जीने की कला सिखाए जो सहजता सिखाए, जिससे द्वंद्व मिट जाए जो उस परम से मिलाए और जिससे यह जीवन संवर जाए। कभी न घबराना, सदा मुस्कुराना सेवा भाव से गुरु ने हमें किया है सराबोर, किस्मत की रेखा बदलने की पकड़ाई हमें डोर’ हर चीज सजीव हो या हो निर्जीव’ उसका शुकराना करने की लगावादी हमें जोर। सर्वे भवन्तु सुखिनः: यही है हरि ओम स्माइल्स की पहचान। आयोजन को सफल बनाने के लिए हरि ओम स्माइल्स व मायुमं की ओर से सभी के प्रति आभार व्यक्त किया गया।