नई दिल्ली. गलवान घाटी में 2020 के संघर्ष के बाद, चीन ने भारतीय सीमा के पास अपनी सैन्य गतिविधियां लगातार बढ़ाई हैं। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन की 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर 1.2 लाख सैनिकों के साथ टैंक, हॉवित्जर, मिसाइल और अन्य भारी हथियार तैनात किए हैं। चीन की यह सैन्य तैनाती पश्चिमी थिएटर कमांड (WTC) पर केंद्रित है, जो लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक फैले LAC क्षेत्र की निगरानी करता है।
चीन ने सीमा क्षेत्र में अपने सैन्य बुनियादी ढांचे को भी मजबूत किया है। इसमें सड़कों, एयरबेस और लॉजिस्टिक सुविधाओं का विकास शामिल है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने इस क्षेत्र में 20 से अधिक संयुक्त हथियार ब्रिगेड तैनात की हैं, जो आधुनिक उपकरण और तकनीक से लैस हैं। इसके अलावा, ड्रोन यूनिट और मिसाइल बेस भी तैयार किए गए हैं।
2020 के गलवान संघर्ष के बाद भारत और चीन के बीच 21 दौर की कोर कमांडर वार्ताएं हो चुकी हैं। इसके बावजूद, चीन ने अपनी अग्रिम सैन्य तैनाती में कोई कमी नहीं की है, जो दोनों देशों के बीच तनाव को बनाए रखती है।
पेंटागन की रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि चीन अपनी परमाणु क्षमता तेजी से बढ़ा रहा है। वर्तमान में चीन के पास लगभग 600 परमाणु हथियार हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, अगर यह विस्तार इसी गति से जारी रहा, तो 2030 तक यह संख्या 1,000 तक पहुंच सकती है। चीन की बढ़ती सैन्य ताकत भारत के लिए नई चुनौतियां पेश कर रही है। इसके जवाब में, भारतीय सेना भी सीमा पर अपनी स्थिति मजबूत करने में जुटी है। भारत सड़क, पुल और अन्य ढांचागत परियोजनाओं को तेज गति से पूरा कर रहा है। साथ ही, आधुनिक हथियार और उपकरणों की तैनाती के माध्यम से अपनी रक्षा क्षमताओं को भी उन्नत कर रहा है।