बारपेटा, 28 मई- हिंदू युवा छात्र परिषद (हिंयुछाप) असम ने राज्य के मुख्यमंत्री से युवाओं को नशे के चंगुल से छुड़ाने का आह्वान किया है। हिंयुछाप द्वारा जारी एक बयान में परिषद के केंद्रीय अध्यक्ष बोलेन वैश्य और महासचिव माधव दास ने कहा है कि राज्य भर में ड्रग्स के खिलाफ हाल के दिनों में हुई छापेमारी के दौरान ड्रग डीलरों और सप्लायरों की गिरफ्तारी ने साबित कर दिया है कि कुछ लोगों ने षड्यंत्र के तहत असम में ड्रग्स का बड़ा कारोबार खड़ा कर दिया है। इसके चलते असम के युवाओं का भविष्य गर्त में जा रहा है। इस साजिश को रोकना होगा। उल्लेखनीय है कि राज्य में दूसरी बार भाजपा नेतृत्वाधीन राज्य सरकार के सत्ता संभालने के बाद राज्य के 33 जिलों में से लगभग 30 जिलों के पुलिस अधीक्षकों का तबादला हुआ है। तबादला होते ही कई प्रमुख जिलों में ड्रग्स के कारोबारियों के विरुद्ध एक अभियान आरंभ हो गया है। चाहे वह ऊपरी असम, मध्य असम, निचला असम, बराक घाटी या फिर राजधानी गुवाहाटी हो, सभी क्षेत्रों में ड्रग्स कारोबारियों के विरुद्ध अभियान आरंभ हुआ है। अब तक काफी संख्या में ड्रग्स तस्कर गिरफ्तार किये गये हैं।
बयान में परिषद के नेताओं ने कहा है कि हाल ही में नशे के खिलाफ अभियान में पुलिस को काफी सफलता मिली है लेकिन यह अभियान अभी भी तक सीमित है। नशे में लिप्त मुख्य माफिया अभी भी सुरक्षित हैं। परिषद ने कहा कि राज्य में नशे का कारोबार अचानक विकसित नहीं हुआ है। यह एक ऐसा व्यवसाय है जो वर्षों में फला-फूला और फैला हुआ है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि आज अचानक नशे के खिलाफ सक्रिय हुई पुलिस पिछले दिनों ड्रग्स के खिलाफ सक्रिय क्यों नहीं हुई। परिषद नेताओं ने बयान के जरिए कई अन्य सवाल उठाए हैं। नेताओं ने कहा है कि क्या पुलिस अब जो ड्रग्स के खिलाफ सक्रिय हुई है, पहले किसी के हस्तक्षेप के कारण सक्रिय नहीं थी। ड्रग माफिया को कौन-कौन संरक्षण दे रहा था, इनके साथ किसका-किसका संपर्क है इसकी भी जांच कर उनके विरूद्ध कार्रवाई की जानी चाहिए।
नेताओं ने कहा कि ड्रग्स के खिलाफ परिषद ने पहले सरकार को ज्ञापन जारी कर उन्हें नशे के कारोबार और माफिया को लेकर अवगत कराया था, लेकिन सरकार ने उस समय कोई कार्रवाई नहीं की। बयान में आगे कहा कि पुलिस ने हाल ही में राज्य के हर कोने में ड्रग्स के खिलाफ छापे मारे हैं लेकिन ड्रग्स के मुख्य माफिया के खिलाफ जोरदार अभियान अभी तक चलाया जाना बाकी है। जब तक मुख्य माफिया को गिरफ्तार नहीं किया जाता तब तक ड्रग्स के कारोबार को जड़ से उखाड़ फेंका नहीं जा सकता है। परिषद के नेताओं ने कहा कि मौजूदा ड्रग्स विरोधी अभियान एक अंजाम तक पहुंचेगा। परिषद के नेताओं ने ड्रग्स के मुख्य अपराधियों की गिरफ्तारी के साथ-साथ इस बात की जांच की मांग की है कि इतने लंबे समय से मादक पदार्थों के व्यापार को कौन प्रायोजित कर रहा था।