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प्रेरणा प्रतिवेदन नलबाड़ी, असम, 23 दिसंबर 2024: कुमार भास्कर वर्मा संस्कृत और पुरातन अध्ययन विश्वविद्यालय, नलबाड़ी ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए अपने दो शोधार्थियों को डॉक्टरेट की डिग्री प्रदान की है। यह विश्वविद्यालय के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट शोध कार्य को मान्यता देता है।
संस्कृत सर्वदर्शन विभाग की उपलब्धि:
संस्कृत सर्वदर्शन विभाग के शोधार्थी बुद्धदेव पुरकायस्थ को उनके शोध प्रबंध “श्रीबलदेवविद्याभूषणविरचितग्रं थेषु अचिन्त्यभेदभावभेदवादस्य समीक्षात्मकमध्ययनम्” के लिए डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया। यह शोध भक्ति को जीवन के अंतिम लक्ष्य की प्राप्ति के साधन के रूप में प्रस्तुत करता है और इसे अकादमिक दृष्टि से एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना गया है। यह विश्वविद्यालय में संस्कृत विभाग द्वारा प्रदान की गई पहली डॉक्टरेट उपाधि है।
शोध का मूल्यांकन असम विश्वविद्यालय, सिलचर के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. गोविंद शर्मा ने किया। मौखिक परीक्षा के दौरान पर्यवेक्षक डॉ. रणजीत कुमार तिवारी और अन्य विभागों के अध्यापक एवं शोधार्थी भी उपस्थित थे।
शिक्षा विभाग में भी नई उपलब्धि:
शिक्षा विभाग के शोधार्थी सिपांकर दास को उनके शोध “Effect of Yoga on Study Habits and Mental Health of Students at the Higher Education Level” के लिए डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की गई। उनके शोध ने यह सिद्ध किया कि योग उच्च शिक्षा में छात्रों की अध्ययन आदतों और मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। यह शोध डॉ. मल्लिका कलिता के मार्गदर्शन में किया गया और इसे शिक्षा क्षेत्र में एक मूल्यवान योगदान माना जा रहा है।
विश्वविद्यालय का गौरव:
कुलपति और शिक्षकों ने इस अवसर पर शोधार्थियों को बधाई दी और कहा कि यह विश्वविद्यालय के लिए एक प्रेरणादायक क्षण है। दोनों शोधार्थियों के योगदान से विश्वविद्यालय न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रतिष्ठा अर्जित करेगा।
कुमार भास्कर वर्मा विश्वविद्यालय ने यह साबित कर दिया है कि संस्कृत और पुरातन अध्ययन के क्षेत्र में गहन अनुसंधान के लिए यह एक प्रमुख संस्थान है।