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मानव उत्थान सेवा समिति पूर्वोत्तर क्षेत्र के तत्वावधान में दो दिवसीय ४ व ५ जनवरी को श्री हंस नाम बोध आश्रम सोलंग नवगांव कलियाभोमरा सेतु के निकट दो दिवसीय विशाल सद्भावना सम्मेलन के दुसरा और अंतिम दिन ५ जनवरी को विख्यात सामाज सेवी मानव धर्म के प्रणेता परम पूज्य सद्गुरुदेव श्री सतपाल जी महराज , परम पूज्य माता श्री अमृता जी , श्रध्य श्री विभु जी महाराज एंव माता श्री आराध्य जी, संतमहत्माओं, एंव विद्वानों ने विशाल सद्भावना सम्मेलन में लाखों श्रद्धालु प्रेमी भक्तों को सम्बोधित किया।
परम पूज्य सद्गुरुदेव श्री सतपाल जी महराज एंव सभी विभूतियों ने नववर्ष की सभी लोगों को बधाई दी सभी के लिए मंगलकामना की।
सद्गुरुदेव श्री सतपाल जी महाराज ने कहा कि हम लोग श्रीमंत शंकर देव की पावन धरती पर संत महात्माओं , महापुरुषों के द्वारा सत्संग प्रवचन श्रवण रहे हैं। हरि नाम की चर्चा सुन रहे हैं जिस नाम की प्रचार अपने समय में श्रीमंत शंकर देव जी ने की थी।
हमें प्रभु के सच्चे नाम ( राम के नाम ) को समय के सच्चे सद्गुरु से जनना चहिए।
संत कबीर कहते हैं चार राम जगत में तीन राम व्यवहार , एक राम त्तवसार है तिनके करो विचार।
प्रथम शालिग्राम है दूजा पारशराम तिजा राजा राम हैं,चौथा आत्म राम।
रमेनिरंतर आत्मा सब घट आठोयाम, वाही ते संतन धरो राम ताहि को नाम
तो हमें उस आत्म राम को त्तव से जानना चाहिए । जो सभीजीवों में रमण कर रहा है तभी हमारे अंदर सद्भावना आयेगी, देश और समाज मजबूत बनेगा।
सद्भावना सम्मेलन में बाल सभा के बच्चों द्वारा धार्मिक संस्कृतिक एंव देश भक्ति प्रेरणादायक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए।
देश और विश्व की मंगल कामना के साथ कार्यक्रम की समापन हो गई।