पंचायत और नगर निकाय चुनाव में जनता व मीडिया की भूमिका पर गंभीर मंथन
सिलचर, 8 जनवरी – त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था और नगर निकायों को स्थानीय स्वशासी सरकारों का दर्जा दिया गया है, लेकिन इन संस्थाओं में निर्वाचित प्रतिनिधियों को समुचित अवसर और समन्वय प्रदान करने में असंतुलन की समस्या गहराई तक पैठ चुकी है। इसी विषय पर गहन चर्चा ज्योतिलाल चौधरी की तीसरी पुण्यतिथि पर आयोजित समारोह में हुई। इस कार्यक्रम का आयोजन सिलचर प्रेस क्लब द्वारा किया गया था।
कार्यक्रम का मुख्य विषय था: “पंचायत और नगर निगम चुनाव में जनता और मीडिया की भूमिका।” चर्चा के दौरान वक्ताओं ने कहा कि पंचायत और नगर निकाय प्रतिनिधियों को चुनाव के बाद आरक्षण फेरबदल, पेंशन नीति की कमी और अन्य प्रशासनिक अड़चनों का सामना करना पड़ता है। इन समस्याओं के चलते भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की संभावना बढ़ जाती है। वक्ताओं ने यह सुझाव दिया कि इन संस्थाओं के लिए देशभर में एक समान और सुदृढ़ नीति तैयार की जानी चाहिए।
चर्चा के दौरान यह भी कहा गया कि केवल जनता ही नहीं, बल्कि मीडिया को भी जागरूक और जिम्मेदार भूमिका निभानी होगी। लोकतंत्र के इन महत्वपूर्ण स्तंभों को सशक्त और पारदर्शी बनाने के लिए पत्रकारिता का योगदान अपरिहार्य है।
ज्योतिलाल चौधरी को श्रद्धांजलि और पत्रकारिता पुरस्कार की घोषणा
कार्यक्रम की शुरुआत में दिवंगत पत्रकार, प्रोफेसर और सामाजिक कार्यकर्ता ज्योतिलाल चौधरी को श्रद्धांजलि दी गई। उनके सक्रिय और बहुआयामी जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला गया। इस अवसर पर प्रतिष्ठित पत्रकार विभूतिभूषण गोस्वामी को “ज्योतिलाल चौधरी मेमोरियल पत्रकारिता पुरस्कार” से सम्मानित करने की घोषणा भी की गई।
विशिष्ट हस्तियों का संबोधन
कार्यक्रम में सिलचर प्रेस क्लब के महासचिव शंकर डे, राजनीतिक नेता सुब्रत चक्रवर्ती, अक्सा के सलाहकार रूपम नंदी पुरकायस्थ, प्रेस क्लब के उपाध्यक्ष विकास चक्रवर्ती, वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप्त पुरकायस्थ, मेघनाथ कर, और कवि-पत्रकार मृदुला भट्टाचार्य ने अपने विचार रखे। सभी ने स्थानीय निकायों के महत्व, उनकी चुनौतियों और मीडिया की जवाबदेही पर जोर दिया।
यह कार्यक्रम न केवल ज्योतिलाल चौधरी की स्मृति को सम्मानित करने का एक अवसर था, बल्कि लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने के लिए जनता और मीडिया की भूमिका पर गंभीर विचार-विमर्श का मंच भी बना।