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सनातन धर्म की रक्षा करना हमारी समिति का एकमात्र लक्ष्य: अरुण बजाज
गुवाहाटी, 10 जनवरी। श्रीहरि सत्संग समिति, पूर्वोत्तर एक सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक आन्दोलन है जो जन-गन के दिलों में कथा, सत्संग के माध्यम से राम और कृष्ण को स्थापित करने का कार्य कर रही है, साथ ही सनातन धर्म की महत्ता को भी जनमानस में फैला रही है। यह बातें राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने कहीं। आठगांव स्थित श्री गौहाटी गौशाला के वृंदावन गार्डन प्रांगण में श्रीहरि सत्संग समिति, पूर्वात्तर के तत्वावधान में चल रहे पांच दिवसीय श्री कृष्ण कथा के चौथे दिन बतौर मुख्य अतिथि राज्यपाल ने कहा कि संस्था द्वारा संस्कार रक्षा, के माध्यम से वनवासी समाज में भगवत शक्ति के प्रति श्रद्धा का भाव जगाने का कार्य बड़े रूप में किया जा रहा है। भगवत शक्ति के माध्यम से जन-गन को भारत विकास यात्रा में सहयोगी बनने की प्रेरणा दी जा रही है। इतने बड़े रूप में यह कार्य हो रहा है वह भी बिना किसी सरकारी सहायता के, जो संस्था के पदाधिकारियों के देश व समाज के प्रति संगठित शक्ति व समर्पण भाव को दर्शाता है।
राज्यपाल ने कहा कि मुझे खुशी है, श्रीहरि सत्संग समिति, पूर्वोत्तर द्वारा जो प्रयास किए जा रहे हैं, वास्तव में इन प्रयासों से मानवीय चरित्र निर्माण हो रहा है। युवा पीढ़ी में संस्कारों की परिपक्वता दृढ़ हो रही है, जिसका साक्षात प्रमाण है यहां उपस्थित व्यास कथाकार बहनें जो प्रशिक्षण प्राप्त कर गांव गांव में समाज को सनातन धर्म के प्रति बड़े स्तर पर जागृत करने का कार्य कर रही हैं।
राज्यपाल ने आगे कहा कि जब समाज विभिन्न वर्गो में बंटा हो और उनकी विचारधारा, उनकी मान्यताएं अलग-अलग हो तो टकराव की शंकाएं बढ़ जाती है। श्रीहरि सत्संग समिति अपने कार्यो से सर्व वर्ग संभाव का उद्देश्य लेकर कार्य रही है, अर्थात विभिन्न जन-जातियों को एक साथ लाने का प्रयास यह संस्था कर रही है। यहां उपस्थित बच्चें भी अलग अलग जनजाति समाज से हैं, इन्होंने एक साथ प्रशिक्षण ग्रहण किया, एक साथ संस्कार शिक्षा ग्रहण की, कोई नहीं बता सकता कि ये बच्चे अलग-अलग जनजातियों से है। वास्तव में जनजाति समाज के बच्चों को कथा का प्रशिक्षण देकर श्रीहरि सत्संग समिति, पूर्वोत्तर ने अनुकरणीय उदाहरण पेश किया है। एक जैसा स्वरूप, एक जैसा परिवेश और एक जैसी विचारधारा के साथ ईश्वरीय कार्य के लिए निकलें है। जो कार्य ये बच्चे कर रहे हैं, वह सहज नहीं है, जटिल कार्य होते हुए भी इनकी संकल्प शक्ति इनके उद्देश्यों को साकार कर रही है। हम सबका दायित्व है कि इन बच्चों के हौसलों को कम न होने दें, इनके मार्ग को सहज बनाने के लिए आगे आएं।
इससे पूर्व राज्यपाल आचार्य ने व्यासपीठ की पूजा कर मुख्य कथावाचक अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक प्रवक्ता स्वामी भूपेंद्र भाई पंड्या से आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर राज्यपाल के साथ मंच पर वरिष्ठ समाजसेवी शंकरलाल गोयनका, संरक्षक रामावतार भरतीया, कैलाश लोहिया, मार्गदर्शक अरुण कुमार बजाज, सुभाष अग्रवाल, विहिप के संगठन मंत्री दीनेश तिवाड़ी, समिति के अध्यक्ष अजीत जाना, श्रीकृष्ण कथा के चेयरमैन विनोद जसरासरिया व अशोक कुमार अग्रवाल मौजूद थे।
इस दौरान राज्यपाल का संस्था की ओर से आनंद पोद्दार, विजय अग्रवाल व संगठन मंत्री प्रमोद राजवंशी द्वारा अभिनंदन किया गया। वहीं श्री गौहाटी गौशाला की ओर से ट्रस्टी चेयरमैन कैलाश लोहिया, ट्रस्टी इंचार्ज डॉ. अशोक कुमार धानुका, ट्रस्टी तथा कार्यकारिणी समिति अध्यक्ष रमेश गोयनका ने भी श्री आचार्य का सम्मान किया।
इस मौके पर समिति के मार्गदर्शक अरुण बजाज ने अपने संबोधन में संक्षिप्त रूप में बताया कि किस तरह श्री हरि सत्संग समिति पूर्वोत्तर द्वारा गांव के कोने कोने में रह रहे जनजाति समूदाय के भाई-बहनों को सनातन धर्म के प्रति जागरूक तथा भारत की एकता व अखंडता को संजोए रखने का कार्य कर रही है। सनातन धर्म की रक्षा करना हमारी समिति का एकमात्र लक्ष्य है। इससे पूर्व श्री कृष्ण कथा के चेयरमैन विनोद जसरासरिया ने अपने संबोधन में सभी का स्वागत किया। वहीं संरक्षक रामावतार भरतीया ने भी अपने विचार रखें। स्वागत समारोह का संचालन समिति वरिष्ठ सदस्य प्रदीप भुवालका ने किया। अंत में कार्यकारी अध्यक्ष श्याम सुंदर सारडा द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया। आयोजन में बड़ी संख्या में समाजबंधुओं की उपस्थिति देखी गई।