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अयोध्या, 11 जनवरी (समा. एजेंसी): रामनगरी अयोध्या में आज रामलला प्राण प्रतिष्ठा की द्वादशी का भव्य आयोजन किया गया। हिंदू पंचांग के अनुसार, पौष मास शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ मनाई गई। इस अवसर पर अयोध्या नगरी फिर एक बार आध्यात्मिक और सांस्कृतिक उत्साह से भर उठी।
पिछले वर्ष 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी। लेकिन इस बार यह उत्सव हिंदू पंचांग के अनुसार 11 जनवरी को मनाया जा रहा है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 11 से 13 जनवरी तक तीन दिवसीय महोत्सव का आयोजन किया है।
मुख्यमंत्री की उपस्थिति में भव्य कार्यक्रम
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज सुबह मंदिर परिसर में पूजा-अर्चना और यज्ञ हवन में भाग लिया। अयोध्या का पूरा वातावरण भक्ति और श्रद्धा से ओतप्रोत था। मंदिर परिसर के यज्ञ मंडप में सुबह विशेष हवन और पाठ के साथ दिन की शुरुआत हुई। इसके बाद रामलला का श्रृंगार और आरती का आयोजन किया गया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा, “रामलला का यह मंदिर सिर्फ आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि हमारे सांस्कृतिक गौरव और सनातन परंपरा का परिचायक है। यह मंदिर पूरे विश्व को शांति और सद्भाव का संदेश देगा।”
प्रथम वर्षगांठ के विशेष आयोजन
तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार, प्राण प्रतिष्ठा की द्वादशी का यह उत्सव ऐतिहासिक और भावनात्मक रूप से विशेष है। इस तीन दिवसीय आयोजन में संतों और महात्माओं के साथ-साथ देश-विदेश के रामभक्त भी शामिल हुए। आज के मुख्य कार्यक्रमों में रामलला की विशेष पूजा, अभिषेक, भजन-कीर्तन, और भव्य आरती का आयोजन हुआ।
इस अवसर पर अयोध्या के प्रमुख मंदिरों और गलियों को दीपों और फूलों से सजाया गया। भव्य झांकियां और सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसे रामलीला, भक्ति गीत और कीर्तन इस उत्सव को और खास बना रहे हैं।
भविष्य के लिए एक नई शुरुआत
पिछले साल 22 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह को “एक नए युग की शुरुआत” बताया था। आज के इस आयोजन ने उस वाक्य को एक बार फिर चरितार्थ किया। अयोध्या नगरी ने राममंदिर निर्माण के लंबे संघर्ष को याद करते हुए एक बार फिर से रामभक्ति का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया।
तीन दिवसीय उत्सव के दौरान सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन जारी रहेगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे इस ऐतिहासिक अवसर पर शामिल होकर इसे यादगार बनाएं।
उल्लेखनीय तिथि: पिछले साल की प्राण प्रतिष्ठा तिथि: 22 जनवरी 2024
वर्षगांठ (पंचांग अनुसार): 11 जनवरी 2025
आयोजन के मुख्य बिंदु:
रामलला का अभिषेक और श्रृंगार
यज्ञ, हवन और आरती
रामलीला और भजन-कीर्तन
देशभर से आए संतों और भक्तों का समागम
अयोध्या का यह पर्व न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि पूरे भारतवर्ष के लिए गौरव का विषय बन गया है। रामभक्तों के लिए यह आयोजन एक नई उमंग और उत्साह का संचार कर रहा है।