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शिवकुमार शिलचर, 12 जनवरी: असम विश्वविद्यालय ने आज स्वामी विवेकानंद जयंती, जिसे राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है, को बड़े उत्साह और उल्लास के साथ मनाया। कार्यक्रम का शुभारंभ सुबह 8:30 बजे प्रशासनिक भवन के सामने स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ हुआ। इस आयोजन में विभिन्न विभागों के छात्र-छात्राओं, शिक्षकों, गैर-शिक्षण कर्मचारियों और छत्तीसगढ़ से आए युवा संगम के प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजीव मोहन पंत ने सभा को संबोधित करते हुए “विकसित भारत 2047” के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को साकार करने में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने स्वामी विवेकानंद के आदर्शों को अपनाने और उन्हें जीवन में आत्मसात करने के लिए युवाओं को प्रेरित किया, जिससे वे राष्ट्र निर्माण में अपना उल्लेखनीय योगदान दे सकें।
कुलसचिव डॉ. प्रदोष किरण नाथ ने अपने संबोधन में युवाओं को स्वामी विवेकानंद के भारत के सपनों को पूरा करने के लिए निरंतर परिश्रम करने की अपील की। उन्होंने कहा कि युवा शक्ति ही भारत को वैश्विक नेतृत्व के पथ पर आगे ले जाएगी।
एनएसएस कार्यक्रम समन्वयक प्रोफेसर एम. गंगाभूषण ने स्वामी विवेकानंद के आदर्शों पर प्रकाश डालते हुए कहा, “मानव सेवा ही सच्ची ईश्वर सेवा है।” उन्होंने इस दर्शन को जीवन का मार्गदर्शक सिद्धांत बनाने का आह्वान किया।
कार्यक्रम में प्रो. आर.के. महतो, प्रो.पार्थ सारथी भट्टाचार्य, प्रो. प्रसंत दास, डा. संघर्ष मिश्रा, पृथ्वी राज ग्वाला और मंजू माला समेत विश्वविद्यालय के कई शिक्षक, छात्र और अतिथि शामिल हुए। स्वामी विवेकानंद के विचारों से प्रेरणा लेने का आह्वान कार्यक्रम में वक्ताओं ने स्वामी विवेकानंद के विचारों पर चर्चा की और बताया कि कैसे उनके आदर्श युवाओं को सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं। युवाओं को आत्मनिर्भर बनने और देश के विकास में अपनी भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित किया गया।कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ, और इस अवसर पर उपस्थित सभी लोगों ने स्वामी विवेकानंद के विचारों को अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम की अगली कड़ी बिपिन चंद्र पाल संगोष्ठी भवन में सुबह 10 बजे शुरू हुई, जहां स्वामी विवेकानंद पर एक वृत्तचित्र दिखाया गया। इसके बाद प्रो. गंगाभूषण, डॉ. अजीता तिवारी और श्री प्रशांत दास ने अपने प्रेरक विचार प्रस्तुत किए। असम विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों के छात्रों, शिल्पग्राम गांव के बच्चों और युवाओं ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया, जिससे माहौल और जीवंत हो गया।
कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। इस अवसर पर स्वामी विवेकानंद के संदेश और आदर्शों ने सभी प्रतिभागियों को प्रेरित किया। असम विश्वविद्यालय में आयोजित यह समारोह युवा सशक्तिकरण और राष्ट्र निर्माण के प्रति प्रतिबद्धता को प्रोत्साहित करने वाला मंच साबित हुआ।




















