12 जनवरी 2025 | हैलाकांडी ,
असम के उमरांगशु के तिनकालो इलाके में हुए कोयला खदान हादसे को लेकर पूरे राज्य में गुस्सा है। अवैध रेड होल माइनिंग में 20 मजदूर लापता हो गए हैं। घटना के चार दिन बीतने के बाद भी बचाव अभियान नाकाफी साबित हुआ है। अब तक केवल एक मजदूर का शव बरामद हुआ है, जबकि अन्य का कोई पता नहीं चल सका है।
इस गंभीर घटना के विरोध में असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) ने प्रदेशभर में प्रदर्शन किया। हैलाकांडी में कांग्रेस ने शहीद वेदी पर धरना देकर राज्य सरकार और प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े किए। हैलाकांडी जिला कांग्रेस अध्यक्ष सैम्स उद्दीन बरलस्कर ने कहा, “यह घटना राज्य सरकार की लापरवाही और कोयला माफिया के गठजोड़ को उजागर करती है। हम मांग करते हैं कि इस अवैध खनन सिंडिकेट का मुख्य मास्टरमाइंड कौन है, इसे सामने लाया जाए।”
सिंडिकेट का खुलासा और साजिश के आरोप
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि इस अवैध खनन के पीछे दिमाहासाओ स्वायत्त परिषद के सीईएम देवदुलाल गारलोसा की करीबी सहयोगी कनिका होजई का हाथ है। कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने मौके पर जाकर जांच की और राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा से कार्रवाई की मांग की। कांग्रेस ने दावा किया कि मुख्यमंत्री ने अब तक केवल एक व्यक्ति की गिरफ्तारी कर मामले को दबाने की कोशिश की है।
हैलाकांडी जिला कांग्रेस ने मांग की है कि इस बड़े सिंडिकेट में शामिल सभी लोगों की पहचान हो और स्थानीय उपायुक्त (डीसी) व पुलिस अधीक्षक (एसपी) को उनके पद से हटाया जाए।
प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से हस्तक्षेप की अपील
धरना के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से मामले में हस्तक्षेप कर सीबीआई जांच कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि इस घटना के सभी दोषियों को गिरफ्तार कर सच्चाई सामने लाई जाए।
धरने में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शामिल
इस विरोध प्रदर्शन में हैलाकांडी जिला कांग्रेस के सभी प्रमुख नेता शामिल हुए, जिनमें जिला कांग्रेस अध्यक्ष सैम्स उद्दीन बरलस्कर, आयोजन महासचिव मनोज मोहन देब, असम प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक महासचिव मन्ना खान, प्रवक्ता रुकोन उद्दीन बरभुइया, सेवा दल अध्यक्ष उस्मान गनी लस्कर, और अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल थे।
हैलाकांडी में हुए इस धरने ने उमरांगशु हादसे को लेकर राज्यभर में गुस्से की लहर को और तेज कर दिया है। कांग्रेस ने ऐलान किया है कि जब तक इस घटना की निष्पक्ष जांच नहीं होती और दोषियों को सजा नहीं मिलती, उनका आंदोलन जारी रहेगा