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एजेंसी समाचार अयोध्या, 13 जनवरी:
पीठाधीश्वर साध्वी मां राजलक्ष्मी मंडा रविवार को अपनी विशिष्ट यात्रा के दौरान अयोध्या पहुंचीं। उन्होंने श्रीरामलला के दर्शन किए और पंजाब के सीमांत क्षेत्र से दौड़कर अयोध्या आए नन्हे धावक से मुलाकात कर उसका उत्साह बढ़ाया।
साध्वी मां राजलक्ष्मी ‘आओ कुंभ नहाओ’ नारे के साथ चार राज्यों और 35 जिलों की यात्रा कर रही हैं। उनका उद्देश्य सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार और लोगों को कुंभ मेले में शामिल होने का आह्वान है। वे श्री द्वादश ज्योतिर्लिंग संगम क्षेत्र के श्रीराम जानकी मंदिर की पीठाधीश्वर हैं।
उनकी यह धर्मयात्रा 9 जनवरी को भदोही के सुंदरवन से प्रारंभ हुई थी और यह 12 दिनों तक चलेगी। भदोही से वाराणसी होते हुए अयोध्या पहुंचने तक साध्वी मां ने समाज के विभिन्न वर्गों से संवाद स्थापित किया। बुलेट मोटरसाइकिल पर सवार साध्वी को देखकर लोग कौतूहल और श्रद्धा से उन्हें निहारते रहे। अयोध्या में कारसेवकपुरम पहुंचने पर उनका भव्य स्वागत किया गया।
साध्वी मां ने नन्हे धावक मोहब्बत से भेंट की, उसकी सराहना की और पीठ थपथपाकर उसका उत्साह बढ़ाया। साध्वी मां ने इस अवसर पर कहा, “अयोध्या नगरी केवल धार्मिक महत्व की नहीं, बल्कि ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी अद्वितीय है। यह भारतीय संस्कृति का जीवंत उदाहरण है। आज पूरी दुनिया उत्सुकता और उत्साह के साथ अयोध्या को देख रही है।”
जगद्गुरु साई मां लक्ष्मी देवी, जिन्हें जगद्गुरु भक्तिमयी मीरा बाई की उपाधि से सम्मानित किया गया है, ने कहा, “अयोध्या में आना मेरी वर्षों की आकांक्षा थी। श्रीराम मंदिर के निर्माण के बाद पहली बार यहां आकर मैंने प्रभु श्रीराम के चरणों में शीश नवाया। धर्म प्रचार के कारण विदेश में व्यस्त रहने की वजह से मैं इस पल के लिए लंबे समय तक प्रतीक्षा करती रही। अब प्रयागराज कुंभ मेले में कल्पवास से पहले यहां आकर मेरा यह सपना पूरा हुआ।”
साध्वी मां की इस अनोखी यात्रा और उनके समर्पण ने न केवल अयोध्या के श्रद्धालुओं बल्कि पूरे सनातन धर्म समाज को प्रेरित किया है।