220 Views
प्रेरणा प्रतिवेदन काबुगंज, 14 जनवरी: भारत सरकार की सबसे बड़ी बुनियादी ढांचा विकास परियोजना, भारतमाला परियोजना, के तहत कछार जिले के सोनाई सर्कल के अंतर्गत काबुगंज के पाकोईपार और नरसिंहपुर इलाके की कई भूमि सड़क निर्माण के लिए अधिग्रहित की गई हैं। लेकिन स्थानीय लोगों ने विभागीय अधिकारियों पर भ्रष्टाचार और अनियमितता के गंभीर आरोप लगाए हैं।
भूमि माप और मुआवजे में अनियमितता
स्थानीय निवासियों का कहना है कि विभागीय अधिकारियों और पटवारियों ने जमीन के सही माप और दस्तावेजी सत्यापन के बिना ही अधिग्रहण प्रक्रिया पूरी कर ली। कुछ मामलों में, जमीन का नाम असली मालिक की जगह किसी और के नाम पर दर्ज कर दिया गया है।
पटवारी देवाशीष शर्मा, गीता रानी दास, और एलएम ब्रांच के एस.के. जय सिंह पर आरोप है कि उन्होंने एक ही भूमि की अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग माप लेकर मुआवजे की राशि तय की है।
असमान मुआवजे की शिकायत
काबुगंज और भागा बाजार के निवासियों के बीच मुआवजे के वितरण में असमानता की बात सामने आई है। भागा बाजार के लोगों को उनके नुकसान की सही राशि मिल गई है, जबकि काबुगंज के लोगों को अभी तक उनके हक का मुआवजा नहीं मिला है।
पूर्व सैनिकों का दर्द
कुछ पूर्व सैनिकों ने बताया कि उन्होंने देश की सेवा में अपना जीवन समर्पित किया और सेवानिवृत्ति के बाद अपनी मेहनत की कमाई से घर बनाए थे। भारतमाला परियोजना के तहत उनकी संपत्ति अधिग्रहित की गई, लेकिन विभागीय अधिकारियों द्वारा सही माप और मुआवजा न मिलने से उन्हें भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
सरकार और प्रशासन से गुहार
स्थानीय निवासियों, जिनमें मणिकांत सिन्हा, अर्जुन सिन्हा, नीलकमल सिन्हा, प्रांथुष सिन्हा, संजीता सिन्हा, नीलकांत सिन्हा, और त्रिवेणी सिन्हा प्रमुख हैं, ने असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा और कछार जिला प्रशासन से मांग की है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए। उन्होंने भारतमाला परियोजना के तहत अधिग्रहित जमीन की सही माप और मुआवजा राशि सुनिश्चित करने की अपील की है।
स्थानीय लोगों की मांग
सभी जमीनों का दोबारा माप और सत्यापन किया जाए।
जिन लोगों को उचित मुआवजा नहीं मिला, उन्हें तत्काल राशि प्रदान की जाए।
भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
इस मामले में अभी तक प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे स्थानीय लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
(रिपोर्ट: प्रेरणा भारती दैनिक)




















