245 Views
चंद्रशेखर ग्वाला बड़खोला, 14 जनवरी: मकर संक्रांति के पावन अवसर पर बड़खोला के छोटा रामपुर में स्थित ऐतिहासिक सन्यासी टिला शिव मंदिर में वार्षिक पूजन और मेले का भव्य आयोजन किया गया। यह परंपरा पिछले 130 वर्षों से चली आ रही है, और इस वर्ष भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी।
इस आयोजन में डलू, रामपुर, लालबाग, मैनागढ़, सुबंग, आबंग, हातीछोड़ा, विजयपुर, बालाछोड़ा समेत लगभग 12 चाय बागान क्षेत्रों और दूर-दराज के इलाकों से श्रद्धालु पहुंचे। भक्तों ने “हर हर महादेव” के जयकारों के साथ उत्साहपूर्वक शिवलिंग का अभिषेक किया और महाप्रसाद ग्रहण किया।
मंदिर की विशेषताएं और असम दर्शन परियोजना:
सन्यासी टिला शिव मंदिर क्षेत्र के सबसे ऊंचे टीले पर स्थित है और वहां तक पहुंचने के लिए 240 सीढ़ियां बनाई गई हैं। खास बात यह है कि मंदिर तक की यात्रा में थकान का अनुभव नहीं होता, चाहे बच्चे हों या बुजुर्ग। असम सरकार की असम दर्शन परियोजना के अंतर्गत मंदिर परिसर में सामुदायिक भवन का निर्माण किया जा रहा है, जिससे श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी।
पूजा और भजन-कीर्तन का माहौल:
सुबह से ही विभिन्न इलाकों से आए कीर्तन मंडली के लोग भजन-कीर्तन में रम गए। दिनभर मंदिर परिसर में “भोलेनाथ” के भजनों की गूंज सुनाई देती रही। इस वर्ष की भीड़ ने पिछले वर्षों के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए, जिससे स्थानीय लोग बेहद उत्साहित हैं।
समाज सेवा और महाप्रसाद वितरण:
सन्यासी टिला शिव मंदिर सेवा समिति के कार्यकर्ताओं की सक्रियता से आयोजन सफल रहा। भक्तों के बीच महाप्रसाद का वितरण किया गया, जिससे सभी ने उत्सव का आनंद लिया।
यह आयोजन क्षेत्रीय सांस्कृतिक धरोहर को न केवल जीवंत बनाए रखता है, बल्कि दूर-दूर से लोगों को एकजुट करने का माध्यम भी बनता है।




















