सिलचर, 18 जनवरी: कछार जिले में चाय बागान श्रमिकों और उनके परिवारों को उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। शनिवार को अतिरिक्त जिला अधीक्षक (स्वास्थ्य) डॉ. खालिदा सुल्ताना अहमद के नेतृत्व में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। यह बैठक सिलचर जिला आयुक्त कार्यालय के सम्मेलन कक्ष में हुई, जिसमें 27 चाय बागानों के प्रबंधकों ने भाग लिया।
बैठक का मुख्य उद्देश्य कछार जिला स्वास्थ्य सोसायटी और चाय बागान प्रबंधन संगठनों के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) के मसौदे पर चर्चा करना था। इस समझौते के तहत, असम सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग द्वारा शुरू की गई योजना के अंतर्गत, चयनित अस्पतालों को “आयुष्मान आरोग्य मंदिर” घोषित किया जाएगा। इस पहल से चाय बागान श्रमिकों और उनके परिवारों को सुलभ और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाएंगी।
असम सरकार का यह प्रयास स्वास्थ्य सेवाओं में समानता लाने और हाशिए पर रहने वाले समुदायों के जीवन स्तर को सुधारने के उद्देश्य से किया गया है। बैठक में जिला स्वास्थ्य सेवा (जेडीएचएस) के संयुक्त निदेशक, स्वास्थ्य विंग के अधिकारी, राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के जिला कार्यक्रम अधिकारी, अतिरिक्त सीएमओ और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
बैठक के दौरान, अनुबंध की शर्तों और दिशानिर्देशों पर विस्तार से चर्चा की गई, ताकि इस पहल को चाय बागान समुदाय की स्वास्थ्य आवश्यकताओं के अनुरूप बनाया जा सके। चाय बागान प्रबंधकों ने इस पहल को सकारात्मक बताते हुए बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।
संयुक्त प्रयासों का आह्वान
बैठक में डॉ. खालिदा सुल्ताना अहमद ने चाय बागान प्रबंधकों से 100 दिवसीय तीव्र तपेदिक अभियान और विशेष टीकाकरण कार्यक्रम में सक्रिय रूप से शामिल होने का आग्रह किया। उन्होंने इन कार्यक्रमों में प्रबंधकों के सहयोग को इस पहल की सफलता के लिए महत्वपूर्ण बताया और साझा प्रयासों के महत्व पर जोर दिया।
आगे का रास्ता
चाय बागानों के लिए इस समझौता ज्ञापन पर जल्द ही औपचारिक रूप से हस्ताक्षर किए जाएंगे। यह समझौता कछार में सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांतिकारी बदलाव का प्रतीक बनेगा।
यह ऐतिहासिक कदम न केवल असम सरकार के सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के लक्ष्य को मजबूती देगा, बल्कि चाय बागान श्रमिकों और उनके परिवारों के जीवन की गुणवत्ता में भी उल्लेखनीय सुधार लाएगा।




















