प्रेरणा प्रतिवेदन शिलचर, 19 जनवरी: सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की 170 बटालियन के जवानों ने 18 जनवरी 2025 को सिलचर में करुणा और कर्तव्यनिष्ठा का एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया। उनके त्वरित और साहसिक कदमों से एक महिला और उसकी नवजात बच्ची को संकटपूर्ण स्थिति में जीवनदान मिला।
दोपहर लगभग 1:10 बजे, बीएसएफ के कांस्टेबल सद्दाम हुसैन और कांस्टेबल/ड्राइवर राजेश कुमार सिलचर मेडिकल कॉलेज से एम्बुलेंस लेकर लौट रहे थे। इसी दौरान उन्होंने ग्रीन हिल्स अस्पताल के पास सड़क किनारे एक महिला को अचेत अवस्था में देखा। महिला के पास उसकी नवजात बच्ची भी पड़ी हुई थी।
घटना स्थल पर मौजूद राहगीरों ने सहायता करने के बजाय अपने मोबाइल फोन से वीडियो बनाना शुरू कर दिया। इस असंवेदनशीलता के बीच, बीएसएफ जवानों ने बिना समय गंवाए तत्काल मदद का फैसला किया। उन्होंने मां और बच्ची को तुरंत सिलचर के जीवन ज्योति आयुर्विज्ञान संस्थान पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने तत्काल इलाज शुरू किया।
मां और बच्ची की हालत अब स्थिर बताई जा रही है। डॉक्टरों और स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने बीएसएफ जवानों के इस मानवीय प्रयास की सराहना की। जीवन ज्योति अस्पताल की डॉ. मोनिका ने कहा, “बीएसएफ जवानों के समय पर हस्तक्षेप ने दो जिंदगियां बचा लीं।”
बीएसएफ का यह साहसिक कार्य उनके आदर्श वाक्य “जीवन की रक्षा, कर्तव्य से परे” को साकार करता है। सीमा पर सुरक्षा के साथ-साथ यह बल समाज में भी अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए तत्पर रहता है।
इस घटना ने यह साबित कर दिया कि न केवल कर्तव्य बल्कि मानवीय संवेदनशीलता भी किसी समाज को मजबूत बनाती है।