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लखीपुर: दो शवों की बरामदगी का रहस्य अब भी बरकरार

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लखीपुर, 20 जनवरी: लखीपुर में दो अलग-अलग स्थानों से शव बरामद होने की घटनाओं ने इलाके में सनसनी फैला दी है। पुलिस से लेकर आमजन तक कोई नहीं समझ पा रहा है कि ये घटनाएं हत्या हैं या आत्महत्या। इन रहस्यमयी घटनाओं को सुलझाने के लिए अब पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ही आखिरी उम्मीद बन गई है।

पहली घटना 9 जनवरी की है। पॉयलापुल इलाके के एक किराए के घर से राजेन बिन (30) नामक एक ऑटो चालक का शव बरामद हुआ। अविवाहित राजेन अकेले किराए के कमरे में रहते थे, जबकि उनके परिवार के सदस्य शिबपुर में रहते हैं। 8 जनवरी की रात करीब साढ़े नौ बजे राजेन ने अपने बड़े भाई राजदीप बिन से सामान्य बातचीत की थी। लेकिन अगली सुबह जब राजदीप ने अपने भाई को फोन किया, तो कोई जवाब नहीं मिला।

चिंतित होकर उन्होंने राजेन के दोस्तों से जानकारी लेने का अनुरोध किया। बाद में राजदीप खुद पॉयलापुल स्थित घर पहुंचे। काफी आवाज देने के बाद भी दरवाजा नहीं खुला, तो उन्होंने दरवाजा तोड़ा। अंदर का दृश्य चौंकाने वाला था। राजेन का शव वेंटिलेटर से झूलता मिला।

शव की स्थिति ने बढ़ाया संदेह
दरवाजे के नीचे छिटकनी लगी हुई थी, और कमरे में लाइट जल रही थी। शव पूरी तरह जमीन को छू रहा था। राजेन के मुंह में कपड़ा ठुंसा हुआ था, और चेहरे को ढका गया था। गले पर किसी फंदे के निशान नहीं थे, जबकि रस्सी नाक के नीचे बंधी हुई थी। राजेन के दो मोबाइल में से एक गायब था, और गले में पहना चांदी का चेन भी नहीं मिला।

राजदीप का कहना है कि राजेन का किसी से कोई विवाद नहीं था। उनका जीवन घर और काम के बीच सीमित था। ऐसे में आत्महत्या की संभावना पर भरोसा करना मुश्किल है। उन्होंने लखीपुर थाने में हत्या का मामला दर्ज कराया है। हालांकि, पुलिस का कहना है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने तक किसी निष्कर्ष पर पहुंचना संभव नहीं है।

दूसरी घटना: युवक का सड़ा गला शव मिला
दूसरी घटना 16 जनवरी को सामने आई, जब लखीपुर थाने के गोविंदनगर इलाके के एक सुनसान पहाड़ी पर एक युवक का सड़ा गला हुआ शव बरामद हुआ। बाद में उसकी पहचान 27 वर्षीय साबू दास के रूप में हुई। साबू दास चिरिपुल स्थित एक शरणार्थी कैंप का निवासी था और मजदूरी करता था।

साबू 1 जनवरी की सुबह घर से निकला था और तब से लापता था। परिजनों ने उसकी काफी खोजबीन की, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला।

मौत की स्थिति पर सवाल
साबू का शव झूलते हुए नहीं, बल्कि जमीन पर बैठी हुई अवस्था में मिला। उसके गले में पेड़ की लता लिपटी हुई थी। सवाल उठ रहा है कि अगर यह आत्महत्या थी, तो शव नीचे बैठी अवस्था में कैसे मिला? परिजनों का मानना है कि साबू की हत्या कर आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की गई है।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार
दोनों ही मामलों में लखीपुर पुलिस का कहना है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही सच्चाई का खुलासा हो सकेगा। इन घटनाओं ने न केवल पुलिस, बल्कि पूरे इलाके को सवालों के घेरे में डाल दिया है।

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