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प्रेरणा प्रतिवेदन शिलचर, 22 जनवरी: मानव उत्थान सेवा समिति मानव धर्म मन्दिर बाघम्बरी रोड १४७\१ भरद्वाजपुरम् प्रयागराज उत्तर प्रदेश के द्वारा दिनांक २७,२८ एंव २९जनवरी को सांय ५ बजे से ९ बजे तक विराट सद्भावना सम्मेलन का आयोजन मानव धर्म शिविर सेक्टर ८, नागवासुकी जोन, बजरंगदास मार्ग, बेनीमाधव मार्ग एंव पद्ममाघव मार्ग के बीच, कुम्भ मेला क्षेत्र प्रयागराज उत्तर प्रदेश में किया जा रहा है।
तीन दिवसीय सद्भावना सम्मेलन में विख्यात प्रतिष्ठित समाज सेवी मानव धर्म के प्रणेता परम पूज्य सद्गुरुदेव श्री सतपाल जी महाराज, दिव्य विभूतियों एंव आत्मअनुभवी संत महात्मागण का आध्यात्म एंव विज्ञान से ओतप्रोत आत्म कल्याणकरी अमृतमय प्रवचन होंगे।
“मृत्योमां अमृतं गमय” की वैदिक सूक्ति से अमरता की ओर अग्रसर होने की प्रेरणा देती है। उसी अमृत का स्मरण कराकर उसके पान कराने के उदेश्य से भारत की पवित्र भूमि में कुम्भ महापर्वों का आयोजन होता है।
मृत्यु से भयभीत मानव अनादिकाल से एक ऐसे अमृत की खोज में भटक रहा है। जो उसके जीवन मृत्यु से मुक्त कर अमरता प्रदान कर दे। धर्म, अध्यात्म, कला, संस्कृति, साहित्य, योग, उपासना, तीर्थाटन एंव समस्त बाह्य एंव आन्तरिक साधनाएं इसी खोज के परिणाम है।
प्रयाग, हरिद्वार,उज्जैन और नासिक ये चार पुण्य स्थल है, जहां युगों पूर्व अमृत कुम्भ से अमृत की बूंदें गिरी तथा इन तीर्थों से हमारे प्राचीन ऋषि-मुनियों ने सारे संसार को शान्ति,सौहार्द,प्रेम और सद्भावना का संदेश दिया। आज भी सद्भावना का जो विराट स्वरूप इन चारों तीर्थों पर कुम्भ महापर्वों के अवसर पर दिखाई देता है, वह इस वसुंधरा पर अत्यंत दुर्लभ है।
इस लिए विराट सद्भावना सम्मेलन में पधार कर अमृत तत्व को जाने समझे और अपने आत्मा का कल्याण करें । आप सभी अपने ईष्ट मित्रों सहित सपरिवार सादर आमंत्रित हैॅ।





















