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एक लड़की हूँ, मस्त मगन रहती थी
फूटी प्यार के प्याले को देखकर
और एक बार बेवकूफ बन गए
क्या गलती है मेरी?
हर किसी पे भरोसा करना,
मेरे प्यार के तरस को छल बना दिया गया।
तबस्सुम को छिनकर आंसुओं लाया गया।
मेरी हर वादे को भरें महफ़िल में ज़ालिम किया गया।
मैं एक नादान सी लड़की हूँ,
मस्त गगन में बहा करती थी
मदिरा का प्याला देखकर
और एक बार बेवकूफ बन गए।”
“हज़ीरा बेगम चौधरी
बरहबी कला
पीएम श्री स्कूल जवाहर नवोदय विद्यालय पैलापूल





















