इस दौरान, बराक उपत्यका अग्रगामी निर्माण श्रमिक यूनियन के सचिव मिहिर नंदी, बराक उपत्यका प्रगतिशील निर्माण श्रमिक यूनियन के सचिव नासिर चौधरी, असम मजदूरी श्रमिक यूनियन के जिला अध्यक्ष मृणाल कांति सोम, असम निर्माण श्रमिक यूनियन के सचिव रफीकुल इस्लाम, धुबरी अग्रगामी निर्माण श्रमिक यूनियन के सचिव एवं अधिवक्ता अनवार हुसैन अहमद, गोलाघाट निर्माण श्रमिक यूनियन के सचिव लेबलन सुरेन, गोलाघाट श्रमिक यूनियन के सचिव बिलन धर, तथा असम निर्माण श्रमिक यूनियन की अध्यक्षा बंदिता बोरा समेत कई नेता मौजूद रहे।
संघ के नेताओं ने असंगठित मजदूरों के लिए सामाजिक सुरक्षा कानूनों को बहाल करने, स्वास्थ्य बीमा योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू करने और असम में भी अन्य राज्यों की तरह यूनियन से जुड़े मजदूरों के लिए अलग से लेबर कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू करने की मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले साल नवंबर में राज्य के श्रम मंत्री और श्रम आयुक्त से अस्थायी निर्माण मजदूरों की पेंशन में बढ़ोतरी और उनकी सामाजिक सुरक्षा बहाल करने की मांग की गई थी, लेकिन अब तक सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
संघ के नेताओं ने श्रम आयुक्त के समक्ष स्पष्ट किया कि अगर सरकार जल्द ही उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है, तो असम के अस्थायी मजदूर संगठनों के नेता और कार्यकर्ता राज्यव्यापी जनांदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।
(प्रेरणा भारती दैनिक के लिए विशेष रिपोर्ट)





















