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प्रे.स. नई दिल्ली, 01 फरवरी: आज भारत सरकार द्वारा बजट 2025 का बजट पेश किया है। बजट में मिडिल क्लास,सर्विस सेक्टर की चिंता खूब दिखी लेकिन किसान की चिंताओं को केवल शब्दों तक सीमित कर दिया है। इसमें करेंगे,कर रहे है जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया है।
किसान को बजट से चार उम्मीदें थी:
किसानो को न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी,किसान सम्मान निधि को दोगुना किए जाने, फसल बीमा योजना में किसान के अंशदान को सुनाए किए जाने जैसे विषयों को सरकार ने छुआ तक नहीं है।
किसान को सस्ते कर्ज की सीमा बढ़ाने का।किसान स्वागत करते है
यह एक रूटीन बजट है, इससे किसान का कल्याण होगा ऐसा कहना उचित है:
जो चल रहा है उसे ही आगे बढ़ाने का बजट है।ग्रामीण और किसान की अर्थव्यवस्था को 10 हजार लाख करोड़ के बूस्टर डोज की जरूरत थी।इसे शहर एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था की दूरी को कम किया जा सकता है।
भवदीय
धर्मेंद्र मलिक
राष्ट्रीय प्रवक्ता
भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक




















