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शिलचर में शास्त्रीय संगीत संध्या का भव्य आयोजन

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स्वरझंकार और शिलचर के गुरुकुल परंपरा फाउंडेशन की संयुक्त पहल

प्रे.स. शिलचर, 8 फरवरी – शास्त्रीय संगीत के प्रचार और प्रसार में समर्पित संगठन स्वरझंकार और शिलचर के गुरुकुल परंपरा फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय भव्य शास्त्रीय संगीत संध्या का आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यक्रम शिलचर के बंग भवन में संपन्न होगा।

स्वरझंकार का मुख्य उद्देश्य देश के कोने-कोने में शास्त्रीय संगीत को लोकप्रिय बनाना और नवोदित प्रतिभाओं को मंच प्रदान करना है। भारत के विभिन्न भागों में शास्त्रीय संगीत को बढ़ावा देने के अपने अभियान के तहत, उत्तर-पूर्व भारत में यह उनका दूसरा बड़ा आयोजन है। इस कार्यक्रम में बराक उपत्यका सहित देशभर के प्रतिभाशाली कलाकारों को सम्मानित किया जाएगा और उनकी प्रस्तुति का साक्षी बनने का पुणेवासियों को अवसर मिलेगा।

कार्यक्रम की प्रमुख झलकियां

  • शिलचर के प्रतिभाशाली कलाकारों का सम्मान
    कार्यक्रम के प्रथम चरण में बराक उपत्यका के शास्त्रीय संगीत साधकों को स्वरझंकार की ओर से विशेष सम्मान प्रदान किया जाएगा।
  • गुरुकुल परंपरा फाउंडेशन के छात्रों की प्रस्तुति
    दूसरे चरण में गुरुकुल परंपरा फाउंडेशन के छात्र-छात्राएं अपनी सुरमयी प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करेंगे।
  • प्रसिद्ध गायिका विदुषी नवनीता चौधरी का शास्त्रीय गायन
    दिल्ली से पधारीं बनारस घराने की सुप्रसिद्ध शास्त्रीय गायिका विदुषी नवनीता चौधरी अपनी मधुर आवाज़ से श्रोताओं को संगीत के दिव्य लोक में ले जाएंगी। उनके साथ तबले पर संगत करेंगे चंडीगढ़ घराने के प्रतिभाशाली युवा तबला वादक ताराशीष बख्शी, जो पं. योगेश सामसी के शिष्य हैं। हारमोनियम पर संगत करेंगे कोलकाता से पधारे अनिर्वाण चक्रवर्ती
  • पद्मश्री उस्ताद शाहिद परवेज का सुमधुर सितार वादन
    इस संगीतमयी संध्या का सबसे खास आकर्षण होगा विश्वविख्यात सितार वादक पद्मश्री उस्ताद शाहिद परवेज का अद्भुत सितार वादन। वे अपने इटावा घराने की परंपरा के अनुसार स्वरलहरियों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करेंगे। उनके साथ तबले पर संगत करेंगे फर्रुखाबाद घराने के प्रसिद्ध तबला वादक पं. अनिंदो चटर्जी के सुपुत्र अनुब्रत चटर्जी

इस आयोजन को सफल बनाने में गुरुकुल परंपरा फाउंडेशन की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। फाउंडेशन के प्रमुख प्रसिद्ध तबला वादक दीपक रंजन बख्शी, उनकी धर्मपत्नी शास्त्रीय गायिका सुतपा बख्शी, और उनके सुपुत्र युवा तबला वादक ताराशीष बख्शी इस आयोजन को यादगार बनाने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं।

गुरुकुल परंपरा फाउंडेशन की ओर से शिलचर के नागरिकों और पुणेवासियों से अनुरोध किया गया है कि वे इस शास्त्रीय संगीत संध्या में अधिक से अधिक संख्या में शामिल होकर संगीत साधकों का उत्साहवर्धन करें।

स्थान: बंग भवन, पुणे
दिनांक: 14 फरवरी, शुक्रवार
समय: सायं 6 बजे से

यह संगीतमय आयोजन पुणे के संगीतप्रेमियों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव साबित होगा।

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