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दुमदुमा प्रेरणा भारती 9 फरवरी : “यह अतिशयोक्तिपूर्ण प्रचार किया जा रहा है कि असम में चाय उद्योग वर्तमान में संकट का सामना कर रहा है। चाय उद्योग में संकट मालिकों द्वारा पैदा किया गया है। मालिक पक्ष इस संकट के बहाने चाय श्रमिकों और कर्मचारियों को उनके उचित अधिकारों से वंचित कर रहे हैं। अपने वक्तव्य में असम चाय कर्मचारी संघ के केंद्रीय समिति के महासचिव और दुमदुमा शाखा के सचिव हितेंद्र बरुआ ने चाय श्रमिक एवं कर्मचारियों के हितों के अनदेखा किया जाने पर चिंता व्यक्त की। आज असम चाय कर्मचारी संघ के 78वां स्थापना दिवस के आम सभा के समारोह के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा, “असम और देश की अर्थव्यवस्था में चाय उद्योग का योगदान निर्विवाद है। विशेष रूप से असम की चाय को विश्व बाजार में बहुत सराहना मिलती है।”हालाँकि, असम के मीडिया और बुद्धिजीवियों ने चाय उद्योग और इससे जुड़े कर्मचारी एवं श्रमिकों की समस्याओं का उचित प्रचार नहीं किया है।”उन्होंने चाय कर्मचारियों से एकजुट होकर मालिकों की साजिश को विफल करने तथा अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाने का आग्रह किया। उन्होंने असम चाय कर्मचारियों संघ की केंद्रीय समिति के महासचिव ऋषभ कलिता का संदेश भी पढ़ा।
असम चाय कर्मचारियों संघ के 78वां केंद्रीय स्थापना दिवस आज बरडुबी चाय बागान में बरडुबी, बदलाबेटा और फिलोबाड़ी चाय बागान प्राथमिक समूहों के सहयोग से मनाया गया। उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता असम चाय कर्मचारी संघ के दुमदुमा शाखा के अध्यक्ष उमा नंद दत्त ने की। सभा में आयोजन समिति के सचिव अजीत कर्माकर ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि चाय उद्योग में संकट मालिकों की देन है तथा उन्होंने कर्मचारियों और श्रमिकों से इसके खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया।
आम सभा में तिनसुकिया जिला साहित्य सभा के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता अर्जुन बरुआ ने मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहकर अपने वक्तव्य में असम के चाय उद्योग के विभिन्न क्षेत्रों में चाय कर्मचारियों के योगदान का उल्लेख किया और नई पीढ़ी के कर्मचारियों से इस प्रवृत्ति को जारी रखने का आग्रह किया।
संघ ने अर्जुन बरुआ को ‘समाज के अग्रणी’ की उपाधि से सम्मानित करके उनका अभिनंदन किया। सभा में से सम्मानित अतिथि के रूप में उपस्थित साहित्य सभा की दुमदुमा शतदल शाखा के अध्यक्ष देवेन डेका तथा पत्रकार अभिजीत खाटनियार ने अपने वक्तव्य में चाय उद्योग में संकट, श्रमिकों की समस्याओं, नव-उदारीकरण के माध्यम से सरकार द्वारा मलिक पक्ष को को दी गई अत्यधिक छूट और कर्मचारी एवं श्रमिकों को उनके उचित अधिकारों से वंचित करने के बारे में बात कही।
सभा में असम चाय कर्मचारी संघ की केंद्रीय समिति के उपाध्यक्ष बीरेन अध्यापक को संघ के दुमदुमा संस्था ने संघ महियान के उपाधि के साथ अभिनंदन किया । संघ के दो पूर्व पदाधिकारियों अच्युत पुजारी और जगदीश रंजन दत्त को भी सम्मानित किया गया।
अपने भाषण में संघ के सभापति ने चाय कर्मचारियों की विभिन्न समस्याओं के समाधान में संघ द्वारा निभाई गई भूमिका का उल्लेख किया। आयोजन समाज सभा के समिति के सचिव अजीत कर्मकार धन्यवाद प्रस्ताव के बाद सभा का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।कार्यक्रम की शुरुआत सामूहिक सफाई अभियान और वृक्षारोपण से हुई। स्थापना दिवस के अवसर पर संघ की दुमदुमा शाखा के अध्यक्ष उमा नंद दत्त ने ध्वजारोहण किया और स्मृति तर्पण कार्यक्रम का शुभारंभ भा क केंद्रीय समिति के उपाध्यक्ष वीरेन अध्यापक ने किया।
इससे पहले दुमदुमा शाखा के अंतर्गत सभी बागान समूहों ने अपने-अपने बागानों में ध्वजारोहण और स्मृति तर्पण कार्यक्रम आयोजित किया। दुमदुमा शाखा कार्यालय में भी ध्वजारोहण और स्मृति तर्पण कार्यक्रम आयोजन किया गया।




















