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नहीं रहे शिलकुड़ी धरमखाल के अवकाश प्राप्त शिक्षक तथा विशिष्ट समाजसेवी कन्हाई लाल लोहार

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शिलकुड़ी धरमखाल इलाके के बुद्धिजीवी अवकाश प्राप्त शिक्षक तथा विशिष्ट समाजसेवी कन्हाई लाल लोहार अब इस दुनिया में नहीं रहे, कोरोना से पीड़ित होकर शनिवार को उनका सिलचर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में निधन हो गया । मृत्यु के समय उनका उम्र था 85 वर्ष, कन्हाई लाल लोहार पिछले कुछ दिनों से कोविड-19 से पीड़ित होकर सिलचर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में चिकित्साधिन थे । लेकिन अंत में वह जिंदगी के लिए मौत के साथ लड़ रहे जंग में हार गए और इस दुनिया को अलविदा कह गए । हम आपको बता दें कि कन्हाई लाल लोहार शिलकुड़ी क्षेत्र के एक ज्ञानी-गुणि, बुद्धिजीवी तथा विशिष्ट शिक्षाविद थे वह पहले भोराखाई हाई स्कूल के शिक्षक थे बाद स्वतह तबादला लेकर दर्बी गांधी एम‌ई स्कूल के शिक्षक बने ।

दक्षिण असम के ऐतिहासिक तीर्थ स्थल श्री श्री बरमबाबा मंदिर परिचलना समिति के एक सक्रिय सदस्य थे अवकाश प्राप्त शिक्षक कन्हाई लाल लोहार । उनके निधन के खबर फैलते ही पूरे इलाके में शोक की छाया व्याप्त हो गया । कोरोना से पीड़ित होकर उनके देहावसान की वजह से आज उनकी मृत शरीर को धरमखाल शमशान में कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए परिवार वालों की उपस्थिति में अंतिम संस्कार किया गया । श्री श्री बरमबाबा मंदिर परिचालना समिति के अध्यक्ष ध्रुवनाथ सिंह, सह सचिव तथा कक्षा ओबीसी एसोसिएशन के चेयरमैन सुवचन ग्वाला, मंदिर पर चलना समिति के सक्रिय सदस्य प्रदीप कुर्मी, मनोज कुमार जयसवाल, कुबेर नुनिया, रतनलाल नुनिया, रामअवतार कानु, प्रदीप नुनिया( अध्यक्ष शिलकुड़ी कोऑपरेटिव) मंदिर के प्रधानाचार्य सविता शर्मा सहित सभी सदस्यों ने उनके निधन पर गंभीर शोक जताते हुए उनके परिवार वालों के प्रति संवेदना व्यक्त की है ।
  अवकाश प्राप्त शिक्षण कन्हाई लाल लोहार अपने पीछे छोड़ गए हैं, अपने परिजनों सहित असंख्य चाहनेवालों को ।

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