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प्रयागराज महाकुम्भ में “हिंदी साहित्य भारती” का भव्य एवं दिव्य चतुर्थ अंतर्राष्ट्रीय उपवेशन आयोजित

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प्रेरणा प्रतिवेदन गौहाटी, 18 फरवरी: पावन तीर्थंराज प्रयागराज में संगम तट पर महाकुम्भ  में आयोजित “हिंदी साहित्य भारती” के भव्य एवं दिव्य चतुर्थ अंतर्राष्ट्रीय उपवेशन के व्यवस्थित आयोजन के लिए अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार डॉ० रवीन्द्र शुक्ल जी तथा पूरे हिंदी साहित्य भारती परिवार को बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं। “मानव बन जाए जग सारा, यह पावन संकल्प हमारा” के उद्घोष के साथ “भारतीय ज्ञान परम्परा एवं कुम्भ” “इण्डिया नहीं भारत” और “धर्म बनाम पंथ” विषयों पर लब्धप्रतिष्ठ मनीषियों द्वारा सार्थक चर्चा की गई।
 निश्चित रूप से इस विचार मंथन से निकला नवनीत राष्ट्र एवं समाज के लिए उपयोगी सिद्ध होगा। सराहनीय व्यवस्थाओं के लिए मा० अध्यक्ष जी के कुशल नेतृत्व में प्रोफेसर बृजेश पांडेय जी और उनकी स्थानीय कार्यकर्ताओं की टीम, रुचिर शुक्ला जी, निशांत शुक्ला जी, रुचि निवेदिता जी एवं झांसी से आए समर्पित कार्यकता बधाई के पात्र हैं। विश्वप्रसिद्ध कवि आदरणीय गजेन्द्र सोलंकी जी के कुशल संचालन में आयोजित “अखिल भारतीय कवि सम्मेलन” में विविध रसों में प्रवाहित काव्यधारा ने उपस्थितजनों को आनन्द प्रदान करने के साथ साथ राष्ट्रप्रेम की भावना को भी सुदृढ़ किया। निष्कर्ष रूप में हम कह सकते हैं कि यह उपवेशन “हिंदी साहित्य भारती” के प्रगति – पथ में मील का पत्थर सिद्ध होगा।
 इस पूरे आयोजन की सफलता गंगा, यमुना तथा सरस्वती मैय्या की कृपा और परमार्थ निकेतन ऋषिकेश के संचालक स्वामी चिदानंद सरस्वती जी महाराज के आशीर्वादपूर्ण सहयोग के बिना संभव नहीं थी। त्रिवेणी की पावन धारा को नमन स्वामी जी का हार्दिक आभार। हिन्दी साहित्य भारती असम कि ओर से अध्यक्ष प्रेम कांत चौधरी, महामंत्री डॉ समीर कुमार झा, संयोजक संतोष कुमार महतो,मिडिया प्रभारी रोशन कुमार और सक्रिय सदस्या कल्पना चौधरी ने भाग लिया.
पुनः अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ० रवीन्द्र शुक्ल जी एवं पूरे टीम को हिंदी साहित्य भारती असम प्रदेश की ओर से  बहुत बहुत आभार.

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