प्रे.स. शिलचर, 21 फरवरी: शुक्रवार दोपहर, बराक वैली डी-एडिक्शन सेंटर्स एसोसिएशन के मुख्य सलाहकार एवं असम गण परिषद (अगप) की काछार जिला समिति के सचिव मनीतन सिंह, सलाहकार एवं असम युवा परिषद के केंद्रीय सचिव नेकबूब हुसैन लस्कर, कानूनी सलाहकार ताहिर तालुकदार, अध्यक्ष ध्रुवज्योति भट्टाचार्य, सचिव दीप भट्टाचार्य, कोषाध्यक्ष गुड्डू कुमार सिंह और कार्यकारी सदस्य सजल देव ने काछार जिले के उपायुक्त मृदुल यादव से मुलाकात कर उन्हें अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा।
डी-एडिक्शन सेंटर्स की मनमानी पर सख्ती की मांग
बैठक के दौरान एसोसिएशन के सदस्यों ने जिले में तेजी से बढ़ रहे डी-एडिक्शन सेंटर्स की स्थिति पर उपायुक्त को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि कई केंद्र बिना किसी सरकारी मान्यता या नैतिक मानकों का पालन किए नशाग्रस्त मरीजों का इलाज कर रहे हैं और उनका शोषण कर रहे हैं। ऐसे में सभी डी-एडिक्शन और पुनर्वास केंद्रों को लाइसेंस देने से पहले प्रशासनिक स्तर पर सख्त जांच की जानी चाहिए। साथ ही, पहले से संचालित केंद्रों का ऑडिट कर उनकी प्रमाणिकता की जांच सुनिश्चित करने की मांग की गई।
निशुल्क दवा और मेडिकल सुपरविजन की मांग
एसोसिएशन के सदस्यों ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) और स्वास्थ्य विभाग से नशामुक्ति केंद्रों के लिए मुफ्त दवाएं उपलब्ध कराने की मांग की। साथ ही, उन्होंने आग्रह किया कि नशाग्रस्त मरीजों के उचित इलाज और कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा नियुक्त डॉक्टरों और नर्सों की निगरानी में मासिक चिकित्सा जांच की व्यवस्था की जाए।
जिला उपायुक्त ने दिया आश्वासन
जिला उपायुक्त मृदुल यादव ने एसोसिएशन की मांगों को गंभीरता से सुनने के बाद आश्वासन दिया कि प्रशासन इस मुद्दे पर उचित कार्रवाई करेगा। बैठक के दौरान अन्य गणमान्य व्यक्तियों में भंगारपार हैप्पी फाउंडेशन के तहत संचालित नशामुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र के सचिव देवाशीष नाथ, “दीप” नशामुक्ति केंद्र के सचिव दिलु दास, राजदीप दत्ता सहित अन्य कई लोग उपस्थित रहे।




















