आगामी 10 जनवरी से 15 जनवरी तक प्रतिदिन अपहरण 3:00 से 5:00 तक पुराना ग्रीन व्यू नर्सिंग होम के विपरीत गली में स्थित बंसी लाल भाटी के निवास पर स्व. छगनी देवी भाटी की स्मृति में बैठक का आयोजन किया जाएगा।
विशिष्ट व्यवसायी बंशी लाल भाटी की माताजी छगनी देवी भाटी का 93 वर्ष की उम्र में साधारण अस्वस्थ होने से पांच मिनट में ही बुधवार को स्वर्गवास हो गया। स्वर्गीय छगनी देवी अपने पीछे जुगल किशोर भाटी, तेजकरण भाटी, बंसी लाल भाटी , गोवर्धन भाटी चार पुत्रों तीन बेटियों सहित छह दर्जन स्वजनों का भरा पूरा परिवार छोड़ कर गई है। धर्मपरायण माताजी मिलनसार एवं सभी को समान रूप से देखने वाली महिला होने से शिलचर वाशी काफी सम्मान करते थे. बैंकुठी तैयार की गई जो फुलों से सजाई गई. जेष्ठ पुत्र सहित चारों बेटों ने अंतिम संस्कार किया.बङी संख्या में लोगों ने अंतिम यात्रा में हिस्सा लिया.उनके बेटे तथा रिश्तेदार गौहाटी तथा अन्य जगहों से आने वृहस्पति वार को अंतिम संस्कार किया गया.
बंसी लाल जी भाटी एवं गोवर्धन जी भाटी की माताजी छगनी देवी भाटी का कल दिनांक 6 जनवरी 2021 को 93 वर्ष की उम्र में स्वर्गवास हो गया। स्वर्गीय छगनी देवी अपने पीछे जुगल भाटी, तेजकरण भाटी, बंसी लाल भाटी , गोवर्धन भाटी चार पुत्रों सहित तीन बेटियां शोभा देवी, प्रभादेवी एवं गुलाब देवी का भरा पूरा परिवार छोड़ कर गई है। आज की तारीख में छगनी देवी भाटी के पेट के 50-70 जनों का भरा पूरा परिवार शोक संतप्त है।
1928 में मंगतूराम कम्मा के घर आसाम के दरंग जिले में कराती ग्राम में छगनी देवी का जन्म 2 नम्बर संतान के रूप में हुआ, प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा आसामी स्कूल में प्राप्त करने के पश्चात 8 वर्ष की उम्र में राजस्थान के अपने पैतृक गांव सरदारशहर रहने चली गई ओर वहीं 18 वर्ष की उम्र में छापर निवासी स्वर्गीय शिवकरण जी भाटी से विवाह हुआ । स्वर्गीय छगनी देवी धार्मिक प्रवृत्ति की संतोषी महिला थी जो हर व्यक्ति से स्नेह का भाव रखते थी। उनके मुंह से कभी किसी की चुगली या निंदा नहीं सुनी शायद इसी कारण ईश्वर ने मृत्यु के समय होने वाले कष्ट से उन्हें दूर रखा, 5 मिनट की छोटी सी अस्वस्थता के उपरांत ही उनका शरीर शांत हो गया।