प्रे.स. शिलचर, 22 फरवरी: कभी “नवरत्न” का गौरव प्राप्त करने वाली भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) ने 2004 में 10,000 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया था। लेकिन आज यह कंपनी धीरे-धीरे अस्तित्व संकट से जूझ रही है। केंद्र सरकार की नीतियों के कारण BSNL को हाशिए पर धकेला जा रहा है, निजी टेलीकॉम कंपनियों को प्राथमिकता दी जा रही है, और कर्मचारियों को जबरन स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) लेने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
BSNL को बचाने के लिए वर्तमान और सेवानिवृत्त कर्मचारी लगातार संघर्ष कर रहे हैं। इसी मुद्दे को लेकर शनिवार को शिलचर में ऑल इंडिया BSNL डॉट पेंशनर्स एसोसिएशन की बैठक आयोजित हुई। बैठक में प्रमुख रूप से 2017 से लंबित तीसरे पेंशन पुनरीक्षण को तत्काल लागू करने की मांग उठाई गई।
संघ के पदाधिकारियों ने केंद्र सरकार से अपील की कि BSNL के हितों की अनदेखी न की जाए और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को उनका बकाया पेंशन सुधार जल्द से जल्द दिया जाए। बैठक में शामिल सदस्यों ने स्पष्ट किया कि BSNL को पुनर्जीवित करने के लिए संघर्ष जारी रहेगा।





















