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प्रेरणा प्रतिवेदन जोधपुर, 24फरवरी: अखिल भारतीय साहित्य परिषद, जोधपुर प्रान्त द्वारा जिले की सभी इकाइयों में – ‘भारतीय परिवार व्यवस्था-कुटुंब – परंपरा तथा आधुनिक परिवार’ – विषय पर कहानी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। जिला प्रभारी डॉ. महावीर प्रसाद पूनियां व परिषद के सह प्रांत – सचिव डॉ. शिवराज भारतीय ने बताया कि यह आयोजन भारतीय परिवार व्यवस्था की महत्ता और इसकी आधुनिक चुनौतियों पर मंथन करने का एक उत्कृष्ट अवसर था। डॉ. निता अग्रवाल (इकाई रावतसर), नरेश मेहन (इकाई हनुमानगढ़) व करण बेनीवाल (इकाई भादा) ने प्रतियोगिता के आयोजन में मुख्य भूमिका निभाई। गौरतलब है कि इस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान सुनील महला (इकाई संगरिया), द्वितीय स्थान भरत कुमार यादव (इकाई टिब्बी), तृतीय स्थान पवन सिहाग (इकाई पल्लू) ने प्राप्त किया। प्रतियोगिता के जिला प्रभारी डॉ. महावीर प्रसाद पूनियां व परिषद के सह प्रांत सचिव डॉ. शिवराज भारतीय ने बताया कि सुनील कुमार महला को 9 मार्च को अखिल भारतीय साहित्य परिषद जोधपुर प्रांत द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में विशेष रूप से सम्मानित किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि यह समारोह भारतीय संस्कृति, परिवार प्रणाली और साहित्यिक सृजनशीलता के अद्वितीय संगम का प्रतीक होगा। इस आयोजन के माध्यम से भारतीय परिवार व्यवस्था के मूल्यों, संस्कारों और उनकी आधुनिक प्रासंगिकता पर विचार करने और इसे समाज के समक्ष प्रस्तुत करने का एक सशक्त मंच प्रदान किया गया।
गौरतलब है कि क्षेत्र के चर्चित स्वतंत्र लेखक, स्तंभकार और युवा साहित्यकार सुनील कुमार महला को इससे पूर्व नेपाल की हिन्दी को समर्पित एवं सुविख्यात संस्था ‘शब्द प्रतिभा बहुक्षेत्रीय सम्मान फाउंडेशन’ , लुंबिनी द्वारा अंतरराष्ट्रीय साहित्यिक आइडल प्रतियोगिता-2024 में ‘हिंदी आइडल मानद उपाधि सम्मान-2024 से, हिंदी काव्य रत्न, दि ग्राम टुडे समाचार पत्र समूह द्वारा हिन्दी सम्मान समेत अनेक साहित्यिक सम्मानों से सम्मानित किया जा चुका है। श्री महला की इस उपलब्धि पर क्षेत्रवासियों और साहित्यकारों द्वारा बधाई और शुभकामनाएं प्रेषित की गईं हैं। गौरतलब है कि साहित्यकार सुनील कुमार महला वर्तमान में भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल में इंस्पेक्टर पद पर कार्यरत हैं। श्री महला देशभर के विभिन्न समाचार पत्रों, पत्रिकाओं में पिछले 23 वर्षों से लेखन कार्य कर रहे हैं और उनके देश-विदेश के अनेक समाचार-पत्रों और पत्रिकाओं में अनेक संपादकीय आर्टिकल, कहानी, व्यंग्य, कविताएं,हाइकू निरंतर प्रकाशित होते रहते हैं। श्री महला निरंतर लेखन कार्य करके साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण व अहम योगदान दे रहे हैं।




















