1. ग्रह एवं नक्षत्रों का प्रभाव – दैनिक जीवन में ग्रहों एवं नक्षत्रों की भूमिका और उनका ज्योतिषीय महत्व।
2. तिथियों की महत्ता – प्रत्येक तिथि का धार्मिक एवं सांस्कृतिक प्रभाव तथा उनके शुभ-अशुभ पक्ष।
3. दैनिक जीवन में पंचांग का महत्व – पंचांग को पढ़ने और समझने की विधि तथा उसका दिनचर्या में उपयोग।
4. पंचांग परिचय – पंचांग के विभिन्न अंग, उनके गणितीय एवं धार्मिक आधार।
5. मुहूर्त – शुभ कार्यों के लिए मुहूर्त निर्धारण की विधि तथा विभिन्न अवसरों के लिए उपयुक्त समय चयन।
6. विवाह में 10 दोष विचार – विवाह के लिए कुंडली मिलान में आने वाले 10 प्रमुख दोषों का विश्लेषण एवं उनके निवारण के उपाय।
7. मेलापक एवं गुण मिलान – वर-वधू की कुंडली मिलान में आवश्यक कारक एवं उनका प्रभाव।
8. पंचक विचार – पंचक काल की महत्ता, उसके दौरान किए जाने वाले कार्यों के नियम एवं उससे जुड़े मिथक। आयोजित कार्यशाला में संगठन के सभी सदस्यों को अत्यधिक लाभ प्राप्त हुआ। विद्वान वक्ताओं द्वारा दिए गए गहन ज्ञान और उनके व्यावहारिक दृष्टिकोण ने प्रतिभागियों को पंचांग को सही ढंग से समझने और उसे अपने जीवन में उपयोग करने की प्रेरणा दी।




















