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सिर्फ “नेशनल पार्क टैग ” पर्याप्त नहीं,वनरोपण और वन्यजीव संरक्षण है समय की पुकार : पर्यावरण प्रेमी व वन्यजीव कर्मी

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[ अपर असम के तिनसुकिया स्थित दिहींग-पाटकाई को राज्य के सातवें नेशनल पार्क का दर्जा मिलने पर खुशियाँ और चिंताएं ] तिनसुकिया से हमारे ब्यूरो चीफ मनोज कुमार ओझा
तिनसुकिया,10 जून : पर्यावरण प्रेमी व वन्यजीव संरक्षण कर्मियों ने गुरुवार को प्रेरणा भारती से किये गए विशेष बातचीत में बताया कि दिहींग-पाटकाई को नेशनल पार्क की पहचान मिलने से उन्हें ख़ुशी है लेकिन यह पर्याप्त नहीं है और सरकार को “वनरोपण” और “वन्यजीव संरक्षण ” पर अतिविशेष ध्यान देना चाहिए. दिहींग पाटकाई अपर असम के तिनसुकिया और इससे सटे डिब्रुगड़ जिले में 111.19 स्क्वायर किलोमीटर में फैला हुआ है.2004 में यह वाइल्डलाइफ संक्चरी के रूप में पहचान पाया था. यह 47 स्तनपायी,47 सरीसृप और 310 तितलियों की प्रजातियों का आवास है. हमारे अपर असम  ब्यूरो चीफ से एक टेलीफोनिक इंटरव्यू के दौरान ग्रीन बड सोसाइटी के सेक्रेटरी देवजीत मोरान ने कहा, ” यहाँ मैं ये कहना चाहता हूँ की दिहींग-पाटकाई उद्यान घोषणा मात्र करने से नहीं होगा. इसके अभ्यान्तर दिशा को देखना होगा. इसके अलावा दिहींग जो राज्य पंक्षी देव हँस ( ह्वाइट विङ्गड वुड डक ) जिसके लिए यह विख्यात है, इसके रक्षा के लिए अभी तक कोई महत्वपूर्ण कदम नहीं उठाये गए हैँ. और भी  गुरुत्त्वपूर्ण भूमिका का पालन करना होगा. “
 
आपको बताते चलें कि राज्य वन विभाग ने बुधवार को दिहींग पाटकाई वाइल्डलाइफ संक्चरी को नेशनल पार्क में परिवर्तित किये जाने क़ी घोषणा की. और इसके साथ ही अब असम में सात नेशनल पार्क हैँ. नेशनल पार्क स्टेटस   दिहींग पाटकाई के बेहतर प्रबंधन और इसके जैव विविधता की रक्षा करने में निश्चित रूप से कारगर सिद्ध होगा ऐसा माना जा रहा है. उल्लेखनीय है की यह देश का सबसे बड़ा लो  लैंड वर्षा अरण्य है. श्री मोरान ने आगे कहा, ” हमारे देव हँस की विचरण स्थली बामगुदाम और लालपहाड़ को भी इस पार्क के अंदर अंतरभुक्त करना होगा. ईस्ट और वेस्ट ब्लॉक, लखिपथार रिज़र्व फारेस्ट भी. इसको एक ” प्रॉपर ” नेशनल पार्क के रूप में उन्नत करना होगा. यह भी सुनिश्चित करना होगा की पार्क के 10 किलोमीटर के आस-पास कोई ध्वनि प्रदूषण और पर्यावरण का नुकसान न हो. ” श्री मोरान ने नेशनल पार्क का स्टेटस देने के लिए राज्य के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्री हिमांता बिस्वा सरमा का और वनों और वन्यजीवों की रक्षा हेतु कृतसंकल्प  वनमंत्री को बहुत धन्यवाद कहा है. दिहींग पाटकाई को राष्ट्रीय उद्यान के रूप में अपग्रेड करने के लिए पर्यावरण प्रेमियों और कानूनविदों ने लम्बे समय तक मुहीम चलाया तब कहीं जाकर यह सम्भव हुआ. हाल ही में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने रायमोना संक्चरी को भी नेशनल पार्क के रूप में अपडेट किये जाने की घोषणा की थी. पांच अन्य नेशनल पार्क पहले से हैँ : काज़ीरंगा, ऑरेंग, मानस, नमेरी और डिब्रु -सैखोवा. डिब्रु-सैखोवा नेशनल पार्क भी तिनसुकिया में ही है.

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