प्रे.स. शिलचर, 9 मार्च: ग्लूकोमा सप्ताह 9 मार्च से 15 मार्च तक पूरी दुनिया में मनाया जा रहा है। ग्लूकोमा एक गंभीर नेत्र रोग है, जिससे दुनियाभर में एक करोड़ से अधिक लोग पूरी तरह अंधत्व का शिकार हो चुके हैं। यदि इस रोग का प्रारंभिक अवस्था में ही निदान हो जाए, तो दृष्टि को बचाया जा सकता है। इस गंभीर समस्या के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से शिलचर के प्रमुख नेत्र चिकित्सा संस्थान चतुर्वेदी आई हॉस्पिटल लगातार प्रयासरत है।
रविवार को ग्लूकोमा के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए अस्पताल के प्रमुख डॉ. एच. के. चतुर्वेदी के नेतृत्व में सभी चिकित्सा कर्मियों ने शहर के विभिन्न हिस्सों में जागरूकता अभियान चलाया। इस दौरान नियमित नेत्र परीक्षण और उचित नेत्र देखभाल के महत्व को दर्शाते हुए एनआईटी शिलचर से बड़ीकनगर तक जागरूकता रैली निकाली गई। प्रतिभागियों ने “नेत्रों की देखभाल करें, अंधत्व से बचें” जैसे नारे लगाते हुए आम जनता को जागरूक किया।

इस अवसर पर डॉ. एच. के. चतुर्वेदी ने मीडिया से बातचीत में ग्लूकोमा के कारण, इसके लक्षण और बचाव के उपायों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि ग्लूकोमा का मुख्य कारण आंखों में बढ़ा हुआ दाब (इंट्राओकुलर प्रेशर) है, जिससे धीरे-धीरे दृष्टि हानि हो सकती है। इसे समय रहते पहचान कर इलाज किया जाए, तो दृष्टिहीनता को रोका जा सकता है।
उन्होंने आम जनता से अपील की कि नियमित रूप से आंखों की जांच कराएं और लक्षण दिखने पर तुरंत विशेषज्ञ की सलाह लें। अस्पताल की ओर से निशुल्क जांच शिविर आयोजित करने की भी घोषणा की गई, ताकि अधिक से अधिक लोग इस बीमारी के प्रति जागरूक हो सकें।
ग्लूकोमा सप्ताह के अवसर पर इस पहल को शहरवासियों ने सराहा और इस जागरूकता अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।




















