सिलचर, ९ मार्च | रानू दत्त की विशेष रिपोर्ट
रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम, सिलचर, अपनी गौरवशाली शताब्दी के उपलक्ष्य में भव्य समारोह का आयोजन कर रहा है। इस अवसर पर नवनिर्मित श्री रामकृष्ण सार्वभौम मंदिर का उद्घाटन १८ मार्च को संपन्न होगा।
रविवार को रामकृष्ण मिशन सिलचर में आयोजित प्रेस वार्ता में स्वामी गांधीशानंदजी महाराज ने बताया कि इस ऐतिहासिक अवसर पर रामकृष्ण मठ और मिशन, बेलूर मठ के अध्यक्ष स्वामी गौतमानंदजी महाराज मंदिर का उद्घाटन करेंगे। उनके साथ रामकृष्ण मठ और मिशन के उपाध्यक्ष स्वामी गिरीशानंदजी महाराज भी उपस्थित रहेंगे। इस शुभ अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा शर्मा मुख्य अतिथि के रूप में समारोह की शोभा बढ़ाएंगे।
१५ से २० मार्च तक धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला
१५ मार्च को समारोह की शुरुआत होगी, जब स्वामी गिरीशानंदजी महाराज मां सारदा चैरिटेबल डिस्पेंसरी और स्वामी योगानंद सभागृह का उद्घाटन करेंगे। शाम को स्वामी शिवाधीशानंदजी भक्तिगीत प्रस्तुत करेंगे।
१६ मार्च को कार्यक्रम का शुभारंभ मंगलारती से होगा, जिसके बाद भव्य नगर परिक्रमा (जुलूस) निकलेगा। मुख्य आकर्षण धर्मसभा रहेगी, जिसमें स्वामी आत्मप्रभानंदजी महाराज, स्वामी ज्ञानब्रतानंदजी महाराज और अन्य संत मंदिर की आध्यात्मिक महत्ता और स्वामी विवेकानंद के आदर्शों पर प्रकाश डालेंगे।
१७ मार्च को नवनिर्मित मंदिर की समर्पण प्रक्रिया के तहत वास्तु यज्ञ और अन्य वैदिक अनुष्ठान होंगे। दोपहर में स्वामी सर्वलोकानंदजी महाराज और स्वामी तत्वविदानंदजी महाराज धर्मसभा को संबोधित करेंगे। शाम को प्रख्यात कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाएगा।
१८ मार्च: भव्य उद्घाटन समारोह
स्वामी योगानंदजी की जयंती के शुभ अवसर पर स्वामी गौतमानंदजी महाराज के नेतृत्व में नवनिर्मित मंदिर का उद्घाटन होगा। इस पावन अनुष्ठान से पूर्व पुराने मंदिर से नए मंदिर तक एक भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी।
मुख्य कार्यक्रम की शुरुआत वैदिक मंत्रोच्चार, शुभकामनाओं और भाषणों के साथ होगी। इस अवसर पर स्वामी गांधीशानंदजी, स्वामी गिरीशानंदजी महाराज और मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा शर्मा अपने विचार व्यक्त करेंगे। समापन में स्वामी गौतमानंदजी महाराज आशीर्वचन देंगे, और प्रबंधन समिति के अध्यक्ष डॉ. सत्यरंजन भट्टाचार्य धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करेंगे।
राष्ट्रगान, प्रसाद वितरण और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ यह भव्य दिन समाप्त होगा।
१९-२० मार्च: आध्यात्मिक दीक्षा और सांस्कृतिक आयोजन
१९ मार्च को मंगलारती के साथ दिन की शुरुआत होगी, जिसके बाद आध्यात्मिक दीक्षा प्रदान की जाएगी। शाम को “परमपुरुष श्री रामकृष्ण” नाटक का मंचन किया जाएगा।
२० मार्च को भी एक विशेष दीक्षा समारोह आयोजित होगा और शाम को “मा अराम” जात्रापाल की प्रस्तुति के साथ महोत्सव का समापन होगा।
भव्य आयोजन में विश्वभर से संतों की उपस्थिति
इस शुभ अवसर पर रूस, फ्रांस और न्यूयॉर्क से आए भिक्षुओं सहित १७० संत उपस्थित रहेंगे। इसके अलावा, ६०० से अधिक स्वयंसेवक आयोजन को सफल बनाने में योगदान देंगे। समारोह स्थल पर विशेष पार्किंग व्यवस्था की गई है, जिसमें एक पार्किंग वृद्ध और बीमार श्रद्धालुओं के लिए आरक्षित होगी।
प्रेस वार्ता में स्वामी बैकुंठानंदजी महाराज, डॉ. सुजीत भट्टाचार्य और डॉ. सत्यरंजन भट्टाचार्य भी उपस्थित थे।




















