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प्रे.स. हाइलाकांदी, 11 मार्च: हाइलाकांदी जिले के ऐतिहासिक गांधीघाट में सोमवार को महाकुंभ के त्रिवेणी संगम का पवित्र जल भक्तों के बीच वितरित किया गया। इस विशेष आयोजन का नेतृत्व धर्म जागरण समन्वय समिति के पदाधिकारियों ने किया। आयोजन का मुख्य आकर्षण काशी से पधारे आचार्य आनंद शास्त्री महाराज का दिव्य प्रवचन रहा, जिसने श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक प्रेरणा प्रदान की।
महाकुंभ का पवित्र जल भक्तों तक पहुंचाने का प्रयास
धर्म जागरण समन्वय समिति के संयोजक शांतनु देव ने बताया कि यह आयोजन उन श्रद्धालुओं के लिए समर्पित था जो बीते दिनों महाकुंभ मेले में उपस्थित नहीं हो सके। समिति ने इस कार्यक्रम के माध्यम से उन्हें त्रिवेणी संगम का पवित्र जल प्रदान करने का संकल्प लिया था।

कार्यक्रम की शुरुआत
शाम 5 बजे कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ, जिसे आचार्य आनंद शास्त्री महाराज ने संपन्न किया। भारत माता के चित्र पर उपस्थित सभी श्रद्धालुओं ने पुष्प अर्पित किया।
शांतनु देव ने आगे बताया कि समिति का लक्ष्य 5000 परिवारों तक इस पवित्र जल को पहुंचाने का था, और इस दिशा में वे पूर्णतः सफल रहे। श्रद्धालुओं ने इसे एक अनोखा धार्मिक अवसर बताते हुए समिति की सराहना की। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के धर्म जागरण समन्वय समिति के प्रांत संयोजक असीत वरण चक्रवर्ती ने उत्साहवर्धक बौद्धिक से उपस्थित श्रद्धालुओं में उत्साह भर दिया। शिलचर से आई भजन गायिका ने अपने भजनों से वातावरण खूब भक्तिमय कर दिया।
आचार्य आनंद शास्त्री का प्रेरणादायक प्रवचन
आचार्य आनंद शास्त्री महाराज के प्रवचन को लेकर संयोजक शांतनु देव ने कहा कि उनकी उपस्थिति स्वयं में एक विशेष उपलब्धि थी। उनके गहन धार्मिक ज्ञान और आध्यात्मिक वचनों से श्रद्धालु अत्यंत लाभान्वित हुए। कार्यक्रम में आचार्य आनंद शास्त्री के साथ शिलचर से उनकी धर्मपत्नी श्रीमती सुतापा चक्रवर्ती और वरिष्ठ पत्रकार दिलीप कुमार भी उपस्थित थे।
मुख्य अतिथि एवं गणमान्य जनों की उपस्थिति
इस अवसर पर कई विशिष्ट अतिथि मौजूद रहे, जिनमें भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा की राज्य अध्यक्ष मूनस्वर्णकार, उत्तर हाइलाकांदी संघ चालक लालमोहन नाथ, संघ के प्रचारक नेपाल दास, जिला कार्यवाहक अनूपम दास, नगर संघ चालक रूपमय विश्वास, जिला संयोजक मृणाल दास, आयोजन समिति के सह-संयोजक कनक लाल देव, सुदीप देवराय, संजय कुमार दे, विश्वजीत मालाकार, किरणमय दत्त व नान्टू दे सहित अन्य कई गणमान्य व्यक्ति शामिल थे।
यह आयोजन श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक रूप से समृद्ध करने वाला अवसर साबित हुआ और समिति के इस प्रयास की सर्वत्र सराहना की गई।




















