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प्रे.स. गुवाहाटी 11 मार्च: कुमार भास्कर वर्मा संस्कृत एवं पुरातनाध्ययन विश्वविद्यालय के कुलपति, आचार्य प्रहलाद रा जोशी, विश्वविद्यालय परिवार की ओर से माननीय सांसद श्री दिलीप शइकिया के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सांसद महोदय शून्यकाल के दौरान संसद में संस्कृत के उत्थान हेतु अत्यंत महत्वपूर्ण मांगें रखीं।
माननीय सांसद महोदय ने संस्कृत को प्रत्येक विश्वविद्यालय में अनिवार्य विषय बनाने, प्रत्येक राज्य में संस्कृत एवं प्राच्य अध्ययन विश्वविद्यालय की स्थापना करने तथा विशेष रूप से कुमार भास्कर वर्मा संस्कृत एवं पुरातनाध्ययन विश्वविद्यालय, नलबारी को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने की मांग उठाई। यह कदम विश्वविद्यालय के विकास और संस्कृत भाषा व भारतीय ज्ञान परंपरा के वैश्विक प्रचार-प्रसार की दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण सिद्ध होगा।

माननीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान जी की उपस्थिति में इस मुद्दे को उठाया जाना इस बात का संकेत है कि केंद्र सरकार को भी इस दिशा में आवश्यक कदम उठाने चाहिए। संस्कृत का उत्थान केवल एक भाषा की रक्षा नहीं, बल्कि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को पुनर्जीवित करने और उसे आधुनिक युग में स्थापित करने का संकल्प है।
विश्वविद्यालय परिवार इस ऐतिहासिक पहल का स्वागत करता है और आशा करता है कि शीघ्र ही इस विषय पर ठोस निर्णय लिया जाएगा।
आचार्य प्रहलाद रा जोशी
कुलपति, कुमार भास्कर वर्मा संस्कृत एवं पुरातनाध्ययन विश्वविद्यालय, नलबारी, असम




















