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दुमदुमा 14जुन = तिनसुकिया जिले के जाने-माने राजनीतिज्ञ एवं समाजसेवी हिंदीभाषी समाज के लौह पुरुष से विख्यात राजेंद्र प्रसाद सिंह(82) वर्षीय का कल माकुम स्थित निजी वास गृह में निधन हो गया। वे बराबर हिंदीभाषी समाज के लिए आवाज बनकर उभरते थे। हिंदी भाषियों की आवाज उठाने के चलते उनके ऊपर उग्रवादी ने गोली भी चलाई थी। वे पूर्वोत्तर हिंदुस्तानी सम्मेलन के अध्यक्ष भी रह चुके थे। दो बार माकुम नगर समिति के चेयरमैन के पद पर आसीन थे। उनके मृदुभाषी स्वभाव के कारण सभी समाज में उनकी पैठ बनी हुई थी। वे स्वर्गीय मोतीलाल सिंह के पुत्र हैं। उन्होंने विज्ञान की स्नातक इलाहाबाद से की थी और उच्च शिक्षा की प्राप्ति स्कॉटलैंड में की। उनके निधन पर अखिल असम भोजपुरी परिषद के कैलाश गुप्ता, असम भोजपुरी युवा छात्र परिषद के अवधेश रस्तोगी, असम भोजपुरी साहित्य सभा एवं हाइड्रो पेट्रो केमिकल के चेयरमैन शिवजी दुबे, समाजसेवी जगदंबा सिंह एवं संजय सिंंंह तथा विभिन्न दलित संगठनों ने शोक प्रकट किया है।