६ अप्रैल, शिलचर: रविवार दोपहर शिलचर के धनेहरी क्षेत्र में वक्फ संशोधन विधेयक को वापस लेने की मांग को लेकर एक बड़ा विरोध प्रदर्शन और जुलूस निकाला गया, जिससे क्षेत्र में कुछ समय के लिए अशांति का माहौल बन गया। इस्लामिक चाइल्ड वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन के आह्वान पर सैकड़ों धार्मिक युवक धनेहरी ईदगाह पर एकत्र हुए। सुबह 11 बजे जुलूस शुरू हुआ जिसमें प्रतिभागियों ने हाथों में विरोध-भरे नारे लिखी तख्तियां और पोस्टर लेकर भाग लिया।
जुलूस कुछ दूरी तक शांतिपूर्वक आगे बढ़ा, लेकिन धनेहारी तेमथा क्षेत्र में पहुंचने के बाद पुलिस और सीआरपीएफ की भारी मौजूदगी और हस्तक्षेप के चलते आयोजकों को विरोध रैली वहीं रोकनी पड़ी।
प्रदर्शन के दौरान मौलाना नजीर हुसैन मजूमदार, मासूम बरभुइयां, राशिद लस्कर और भुट्टो बरभुइयां जैसे वक्ताओं ने केंद्र सरकार की तीखी आलोचना की। वक्ताओं का कहना था कि वक्फ संपत्तियां—जिनमें मस्जिदें, मदरसे, कब्रिस्तान, दरगाहें और ईदगाहें शामिल हैं—स्वतंत्रता से पहले से ही मुस्लिम समुदाय की धार्मिक धरोहर रही हैं, जिनका प्रबंधन वक्फ बोर्ड के माध्यम से होता रहा है।
वक्ताओं ने आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा सरकार ने इन संपत्तियों पर नियंत्रण के उद्देश्य से वक्फ संशोधन विधेयक लाकर मुसलमानों के संवैधानिक अधिकारों पर कुठाराघात किया है। विरोध के बावजूद यह विधेयक संसद से पारित कर राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद कानून बन गया।
प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यह आंदोलन देशव्यापी रूप ले सकता है। उन्होंने कहा कि भारतीय मुसलमान संविधान की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं और इस “काले कानून” को वापस लेने की मांग को लेकर संघर्ष जारी रहेगा।
स्थिति पर प्रशासन की कड़ी नजर बनी हुई है। हालांकि प्रदर्शन में किसी प्रकार की हिंसा की खबर नहीं मिली, लेकिन क्षेत्र में एहतियातन सुरक्षा बढ़ा दी गई है।





















