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जगन्नाथ सिंह मेमोरियल कॉलेज में साहित्यिक अतिथि व्याख्यान का आयोजन

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चंद्रशेखर ग्वाला उधारबंद 9 अप्रैल : उधारबंद स्थित जगन्नाथ सिंह मेमोरियल कॉलेज में आज एक साहित्यिक अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस दिन की व्याख्यान का विषय था “आज के प्रतिस्पर्धी समाज में साहित्य की भूमिका”। उक्त कार्यक्रम में मुख्य अतिथि असम विश्वविद्यालय के हिंदी  विभाग के प्रोफेसर कृष्ण मोहन झा उपस्थित रहे। हिंदी विभाग जगन्नाथ सिंह कॉलेज, उधारबंद द्वारा आयोजित “साहित्य की प्रासंगिकता” विषय पर अपने विचारोत्तेजक व्याख्यान में प्रोफेसर झा ने साहित्य और मानव जीवन के बीच गहरे संबंध पर चर्चा की तथा उपभोक्तावादी और भौतिकवादी समाज में साहित्य के शाश्वत महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि साहित्य की प्रासंगिकता जीवन से अभिन्न रूप से जुड़ी हुई है। आज के पूंजीवादी समाज में, जहां भौतिकतावाद ने मानव अस्तित्व के वास्तविक अर्थ को ढक दिया है, साहित्य हमें जीवन के गहरे मूल्यों की याद दिलाता है। उनका कहना है कि आधुनिक जीवनशैली उपभोक्ता-केंद्रित हो गई है, जिसमें मानवीय मूल्यों, सौंदर्य बोध और आत्म-साक्षात्कार के लिए बहुत कम जगह बची है। प्रोफेसर झा ने कहा, “साहित्य हमें धर्म, नस्ल, जाति और समुदाय की पूंजीवादी मानसिकता से ऊपर उठकर मानवीय बनना सिखाता है।”प्रोफेसर झा के अनुसार, मानव जीवन के मूल्य को समझने और मानवता की भावना विकसित करने के लिए साहित्य आवश्यक है। 21वीं सदी में प्रौद्योगिकी के तेजी से विकास और उससे जुड़ी जटिलताओं के कारण साहित्य का महत्व बढ़ गया है। इस स्थिति में साहित्य मानव जीवन पर एक अनूठा दृष्टिकोण प्रदान करता है। उन्होंने कहा, “साहित्य लोगों की, मानवता की बात करता है। एक ओर यह हमारा मार्गदर्शक है, तो दूसरी ओर यह हमारा मित्र भी है।”भाषण का एक महत्वपूर्ण विषय था आज के प्रतिस्पर्धी समाज में साहित्य की भूमिका। प्रोफेसर झा ने कहा कि पूंजीवाद ने एक ऐसा समाज बनाया है जहां प्रतिस्पर्धा लगातार बढ़ रही है, जो मानवीय रिश्तों को नुकसान पहुंचा रही है और अवकाश के समय को कम कर रही है। इससे न केवल समाज बल्कि साहित्य में भी संकट पैदा हो गया है। उन्होंने कहा कि भौतिक एवं उपभोक्ता संस्कृति हमारी मानवीय भावना को नष्ट कर रही है, जो साहित्य के लिए भी बड़ी चुनौती है। “यह समाज और साहित्य के लिए बहुत बड़ा संकट है।इस समारोह में प्रोफेसर झा को साहित्य के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए महाविद्यालय परिवार द्वारा सम्मानित किया गया। जगन्नाथ सिंह कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एस. समरेन्द्र सिंह ने उद्घाटन भाषण दिया। कार्यक्रम में हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. संतोष कुमार चतुर्वेदी, आई. क्यू. ए. सी . समन्वयक एवं अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष मिनहाज उद्दीन बड़भुइया, इतिहास विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. श्याम माहमुद बड़भुइया ने भी चर्चा में सक्रिय रूप से भाग लिया। संपूर्ण कार्यक्रम का संचालन हिंदी विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. दिलीप कुमार ठाकुर ने किया।

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