शिलचर, 9 अप्रैल: काछाड़ नेहरू युवा केंद्र और जिला आपदा प्रबंधन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार को “सामुदायिक प्रतिक्रिया में युवा मंडलों और गैर सरकारी संगठनों की भागीदारी” विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम नेहरू युवा केंद्र, शिलचर परिसर में संपन्न हुआ, जिसमें जिले के 16 युवा क्लबों और स्वयंसेवी संगठनों के पदाधिकारियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम का उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं से निपटने में स्थानीय संगठनों की भूमिका को सुदृढ़ करना और आपसी समन्वय के माध्यम से सामुदायिक स्तर पर प्रतिक्रिया क्षमता को मजबूत बनाना था।
नेहरू युवा केंद्र कहार के उपनिदेशक श्री मेहबूब आलम लश्कर ने मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित करते हुए आपदा प्रबंधन में युवाओं और स्वयंसेवी संगठनों की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा, “आपदा के समय ये संगठन जमीन पर सबसे पहले सक्रिय होते हैं। हमें इनकी क्षमताओं को संगठित और प्रशिक्षित कर और प्रभावशाली बनाना चाहिए।”
जिला आपदा प्रबंधन विभाग के सोनाई सर्कल के फील्ड ऑफिसर श्री बिप्लजीत पालचौधरी ने अपने वक्तव्य में जानकारी दी कि कई क्लबों ने आपदा की स्थिति में उल्लेखनीय कार्य किया, लेकिन समुचित समन्वय और दस्तावेजीकरण के अभाव में उनकी सेवाएं विभागीय रिकॉर्ड में दर्ज नहीं हो सकीं। उन्होंने सभी संगठनों से नियमित संवाद और सूचना साझा करने की अपील की।
उधारबंद सर्कल के फील्ड ऑफिसर श्री करणजीत धर और काठीघोड़ा सर्कल के फील्ड ऑफिसर श्री विशाल चक्रवर्ती ने भी संगोष्ठी में विचार रखे। उन्होंने युवाओं को आपदा प्रबंधन से जुड़े प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लेने और स्थानीय स्तर पर जनजागरूकता बढ़ाने का आग्रह किया।
कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों ने सहमति जताई कि भविष्य में बेहतर समन्वय और सहयोग से आपदा के समय समुदाय को और अधिक सुरक्षित बनाया जा सकता है। संगोष्ठी ने स्थानीय एजेंसियों और संगठनों के बीच सहयोग को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में कार्य किया।




















