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इतिहास के पन्नों में 17 अप्रैलः विश्व हीमोफीलिया दिवस

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विश्व हीमोफीलिया दिवस 17 अप्रैल को मनाया जाता है। इस दिन को हीमोफीलिया के बारे में जागरुकता बढ़ाने के तौर पर जाना जाता है। वर्ष 1989 को विश्व हीमोफीलिया महासंघ द्वारा फ्रैंक श्रेबेल के जन्मदिन की स्मृति में यह दिवस मनाने की घोषणा की गई, जो कि हीमोफीलिया महासंघ के संस्थापक थे। हीमोफीलिया एक दुर्लभ गंभीर, वंशानुगत रक्तस्राव का विकार है। यह महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों को अधिक प्रभावित करती है। विश्व हीमोफीलिया दिवस-2025 की थीम है सभी के लिए पहुंच, महिलाओं और लड़कियों के भी रक्तस्राव होता है। यह थीम रक्तस्राव विकारों से पीड़ित लड़कियों और महिलाओं के लिए बेहतर निदान और उपचार की आवश्यकता के लिए काम करेगी। इसका उद्देश्य आधी आबादी के लिए समान उपचार सुनिश्चित करना है।

अन्य प्रमुख घटनाएंः1815: इंडोनेशिया में तंबोरा ज्वालामुखी फटा, जिसके कारण करीब एक लाख लोगों की मृत्यु हो गई।1941: द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान यूगोस्लाविया ने जर्मनी के समक्ष आत्मसमर्पण किया।1946: सीरिया ने फ्रांस से स्वतंत्रता की घोषणा की।1982: कनाडा ने संविधान अपनाया।1993ः अंतरिक्ष यान एसटीएस-56 डिस्कवरी धरती पर वापस लौटा।

1995: पाकिस्तान में बाल मजदूरी समाप्त कराने वाले युवा कार्यकर्ता इकबाल मसीह की हत्या कर दी गई।2003: 55 वर्षों के बाद भारत-ब्रिटेन संसदीय मंच का गठन हुआ।2006 – सूडान के रवैये से चाड अफ़्रीकी संघ शांति वार्ता से हटा।2007 -2014 के एशियाड के लिए दक्षिण कोरिया को मेजबानी मिली।

जन्म1961 – भारत के बिलियर्ड्स और स्नूकर खिलाड़ी गीत सेठी। 1912 – मलयालम में रचना करने वाले प्रसिद्ध साहित्यकार तकाजी शिवशंकरा पिल्लै। 1900 -बिहार के तीसरे मुख्यमंत्री बिनोदानन्द झा। 1990 -भारत की पहली पूरी तरह से दृष्टिहीन आईएफ़एस अधिकारी बेनो ज़ेफाइन।

निधन1975: भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन। 2013: भारत की प्रथम महिला मुख्य चुनाव आयुक्त वीएस रमादेवी। 2001: हिन्दी के उपन्यासकार, नाटककार एवं व्यंग्यकार नरेंद्र कोहली। 1908: उड़िया भाषा और साहित्य के प्रमुख कवि राधानाथ राय।

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