शिलचर | विशेष प्रतिनिधि:
धर्मपरायण, सरल स्वभाव और समाजसेवा को समर्पित राजकुमार हरलालका का निधन बुधवार को हो गया। वे 76 वर्ष के थे और लंबे समय से ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित थे। उनके निधन से शिलचर और आसपास के क्षेत्रों में शोक की लहर फैल गई है।
उनका पार्थिव शरीर गुवाहाटी ले जाया गया, जहां गुरुवार को भूतनाथ मुक्ति धाम में अंतिम संस्कार किया जाएगा। अंतिम संस्कार में उनके दोनों पुत्र – संदीप (पत्नी अर्चना) और अमित (पत्नी प्रीति), पौत्र-पौत्रियाँ – आदित्य, रिसिका, अनंत और रियांस, पुत्री, भाई तथा परिवार के अन्य सदस्य और रिश्तेदार शामिल होंगे।
पूर्व में पत्नी का निधन भी गुवाहाटी में हुआ था
यह उल्लेखनीय है कि उनकी धर्मपत्नी त्रिवेणी देवी हरलालका का निधन 29 मई 2020 को कोविड महामारी के दौरान हृदयगति रुकने से हुआ था। उन्हें भी अंतिम विदाई गुवाहाटी में दी गई थी, ताकि पूर्वोत्तर के सभी निकट संबंधी सम्मिलित हो सकें।
समाजसेवा और सादगी की मिसाल
राजकुमार हरलालका न केवल एक सफल व्यवसायी थे, बल्कि समाजसेवा में भी सक्रिय थे। वे अग्रवाल सेवा समिति के अध्यक्ष रह चुके थे और कई अन्य सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं से भी जुड़े हुए थे।
उनकी पहचान एक मृदुभाषी, सादगीपूर्ण जीवन जीने वाले, मिलनसार और गुप्त रूप से सहायता करने वाले व्यक्ति के रूप में थी। उनका जीवन प्रेरणा का स्रोत रहा है। उनके असामयिक निधन से समाज ने एक सजग नागरिक और सच्चे सेवाभावी को खो दिया है।
समाज में शोक की लहर
शहर के विभिन्न सामाजिक संगठनों, व्यवसायिक मंडलों और नागरिकों ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है और परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की है।




















