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इस साल 40 हजार से अधिक भारतीय नहीं कर पाएगे हज यात्रा, सऊदी अरब का फैसला बना कारण

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नई दिल्ली. इस साल भारत से 40,000 से ज्यादा तीर्थयात्री हज यात्रा पर नहीं जा पाएंगे. वर्ष 2025 में हज यात्रा के लिए नए नियम जारी किए गए हैं. इसके साथ ही हज कोटे को लेकर विवाद फिर तूल पकडऩे लगा है. सऊदी अरब के फैसले के कारण 42 हजार से अधिक भारतीयों के हज यात्रा पर जाने पर तलवार लटक रही है.

हालांकि भारत सरकार के हस्तक्षेप के बाद सऊदी अरब ने निजी ऑपरेटरों को मक्का में हज यात्रा के लिए 10,000 भारतीय तीर्थयात्रियों को भेजने की अनुमति दे दी है. जो आवंटित कोटे से बहुत कम है. इस वर्ष संयुक्त हज समूह संचालकों को सिर्फ 52,000 से अधिक स्लॉट आवंटित किए गए. ये कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब सऊदी अरब ने कथित तौर पर भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए निजी हज यात्री कोटे में 80 प्रतिशत की कटौती की है. अब भारतीय नेता मांग कर रहे हैं कि इस मामले में केंद्र सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए. खबर है कि सऊदी अरब ने इस वर्ष भारतीय हज यात्रियों के लिए 52,000 से अधिक स्लॉट रद्द कर दिए हैं.

अब जम्मू-कश्मीर में सत्तारूढ़ व विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की. दो दिन पहले जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से इस मामले को सऊदी अरब के अधिकारियों के समक्ष उठाने की अपील की. अब्दुल्ला ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट में लिखा कि 52000 से ज़्यादा भारतीय तीर्थयात्रियों के हज स्लॉट रद्द किए जाने की ख़बरें काफ़ी चिंताजनक हैं. जिनमें से कई ने पहले ही भुगतान पूरा कर लिया है. मैं विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर से आग्रह करता हूँ कि वे सभी प्रभावित तीर्थयात्रियों के हित में जल्द से जल्द सऊदी अधिकारियों से संपर्क करें और समाधान तलाशें.

इस साल पवित्र तीर्थयात्रा करने की उम्मीद कर रहे हज़ारों लोगों की परेशानी को कम करने के लिए यह उपाय बहुत ज़रूरी है. पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने इसे परेशान करने वाली खबर बताया कि जिससे तीर्थयात्रियों व टूर ऑपरेटरों को काफी परेशानी हो रही है. उन्होंने 13 अप्रैल को एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि मैं विदेश मंत्रालय से आग्रह करती हूं कि वह इस मामले को सऊदी सरकार के समक्ष उठाकर तत्काल हस्तक्षेप करे ताकि इसका समाधान निकाला जा सके.

हज पवित्र शहर मक्का की वार्षिक मुस्लिम तीर्थयात्रा है. जिसे प्रत्येक सक्षम मुसलमान को, जिसके पास आर्थिक साधन हों. अपने जीवनकाल में एक बार अवश्य करना होता है. सऊदी अरब सरकार हज में भाग लेने के लिए तीर्थयात्रियों के लिए देश-वार कोटा आवंटित करती है. यह आंकड़ा किसी विशेष देश में रहने वाले मुसलमानों की संख्या के आधार पर तय किया जाता है. बता दें कि हज 2025 संभवत: 4 जून से 9 जून तक होगा.

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