यशवंत पांडेय | शिलकूड़ी | 16 अप्रैल
पूरे देश की तरह एनआईटी शिलचर में भी भारतीय संविधान के निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की 134वीं जयंती बड़े आदर और श्रद्धा के साथ मनाई गई। यह समारोह मंगलवार शाम 5:30 बजे संस्थान के वर्चुअल क्लासरूम में आरंभ हुआ और 7:00 बजे तक चला।
कार्यक्रम की शुरुआत बाबा साहेब की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पण के साथ हुई, जिसमें उपस्थित सभी गणमान्य अतिथियों एवं प्रतिभागियों ने श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथियों को उत्तरीय पहनाकर सम्मानित किया गया।

प्रमुख वक्ताओं के विचार
समारोह के मुख्य अतिथि और आईआईटी अगरतला के प्रोफेसर अभय कुमार ने अपने संबोधन में कहा,
“डॉ. भीमराव अंबेडकर भारतीय लोकतंत्र के वास्तुकार थे। उन्होंने सामाजिक न्याय और समावेशी विकास की आधारशिला रखी, जिस पर आज का भारत खड़ा है।“
कार्यक्रम में एनआईटी शिलचर के निदेशक प्रो. दिलीप कुमार वैद्य, रजिस्ट्रार अशिम रॉय, प्रो. एके दे, प्रो. एस. एस. धर, लायजन ऑफिसर डॉ. बिप्लब दास, डॉ. शशि कुमार, तथा छात्र प्रतिनिधि नवनीत कुमार समेत अनेक शिक्षाविद और विद्यार्थी उपस्थित थे।
सभी वक्ताओं ने डॉ. अंबेडकर के योगदान को याद करते हुए सामाजिक समानता, शिक्षा और अधिकारों के लिए उनके संघर्ष को प्रेरणास्रोत बताया।




















